राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया और प्याज पर निर्यात शुल्क लगाने से लेकर मणिपुर में हिंसा तथा राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग जैसे मुद्दों को लेकर उसकी आलोचना की. एकनाथ शिंदे सरकार में दो जुलाई को शामिल हुए बागी NCP नेता हसन मुश्रीफ के गृह जिले कोल्हापुर में एक रैली को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि राज्य में प्याज किसानों को उनकी उपज के लिए सही कीमत नहीं मिल रही है.
पवार ने कहा, “उन्हें फसल उगाने पर खर्च की गई राशि मिलनी चाहिए. अगर ऐसा होना है तो प्याज को दुनिया भर में निर्यात करना होगा, लेकिन मोदी सरकार ने 40 प्रतिशत का भारी शुल्क लगा दिया है और उसके बाद भारतीय प्याज को ग्राहक नहीं मिल रहे हैं. इससे प्याज की कीमत में गिरावट आई.”
पवार ने कहा, कृषि मंत्री के रूप में (2004 से 2014 के बीच कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में) उन्होंने कभी प्याज पर निर्यात शुल्क नहीं लगाया और सुनिश्चित किया कि फसल का निर्यात किया जाए. प्याज पर 31 दिसंबर तक 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने के केंद्र के 19 अगस्त के फैसले को लेकर नासिक में किसान और व्यापारी सोमवार से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका दावा है कि इससे घरेलू बाजार में प्याज की बहुतायत हो जाएगी और कीमतों में गिरावट आएगी.
पवार ने कहा कि (मई की शुरुआत में) मणिपुर में भड़की हिंसा के बीच दो महिलाओं को नग्न कर घुमाया गया, लेकिन जिनके पास सत्ता है, वे उन्हें बचाने के लिए इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में आने वाला निवेश गुजरात जा रहा है, जिससे यहां के युवाओं के रोजगार के अवसर खत्म हो रहे हैं.
“सत्ता का इस्तेमाल विरोधियों पर अत्याचार करने के लिए किये जाने” का आरोप लगाते हुए पवार ने अपनी पार्टी के सहयोगियों नवाब मलिक और अनिल देशमुख और शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य संजय राउत का उदाहरण दिया. ये तीनों नेता विभिन्न मामलों में जांच के दौरान जेल जा चुके हैं और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं.