सुशांत सिंह राजपूत मामले में ड्रग्स एंगल की जांच कर रही एंटी-ड्रग एजेंसी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने एक और गिरफ्तारी की है. ब्यूरो ने जगताप सिंह आंनद नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है. आनंद को एजेंसी मेडिकल कराने ले गई. संभावना है कि वहां से उसे कोर्ट ले जाया जा सकता है. जगताप सिंह आंनद 16/20 केस में पहले से गिरफ्तार करमजीत सिंह उर्फ KJ का बड़ा भाई है.
NCB के मुताबिक, जब अधिकारियों ने जांच के तहत KJ के ड्रग्स कारोबार के लेन-देन की जांच की तो पता चला कि ड्रग्स से कमाया पैसा बड़े भाई जगताप सिंह के अकाउंट में पार्क हो रहा है. NCB ने जगताप सिंह को ड्रग्स तस्करी की साजिश में शामिल होने और वित्तीय धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. सुशांत सिंह राजपूत ड्रग्स मामले में ये 32वीं गिरफ्तारी है.
हो सकती हैं और गिरफ्तारियां
16/20 केस में आज कुछ और गिरफ्तारियां सम्भव हैं. NCB गुरुवार को करण सजनानी और राहिला फर्नीचवाला को भी NCB आफिस में ले आई है. परसों रात गिरफ्तार किया गया सुशांत सिंह राजपूत का पूर्व असिस्टेंट डायरेक्टर ऋषिकेश पवार भी NCB दफ़्तर में है, साथ ही कल रात को गिरफ्तार दिखाया गया जगताप सिंह आनंद भी NCB दफ़्तर में है. इन सभी की भूमिका सुशांत सिंह राजपूत ड्रग्स केस में संदिग्ध है. ब्रिटिश नागरिक करण सजनानी और राहिला वर्तमान में ड्रग्स की अंतरराष्ट्रीय तस्करी केस में गिरफ्तार हैं.
बता दें कि अभी मंगलवार को ही एजेंसी ने सुशांत राजपूत के ड्रीम प्रोजेक्ट के पूर्व असिस्टेंट डायरेक्टर ऋषिकेश पवार को गिरफ्तार किया था. पवार की तलाश एजेंसी को काफी दिनों से थी क्योंकि उसका नाम पूछताछ में दो बार आ चुका था. एक बॉलीवुड ड्रग्स मामले की जांच के दौरान एक आरोपी ड्रग्स सप्लायर ने ऋषिकेश पवार का नाम लिया था. वहीं सुशांत सिंह राजपूत के स्टाफ दीपेश सावंत ने भी अपने बयान में ऋषिकेश का नाम लिया था. पवार पर आरोप है कि सुशांत सिंह राजपूत को ड्रग्स सप्लाई करने में उसका हाथ था.
SC ने खारिज की थी एक याचिका
इसके इतर बात करें तो बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत सिंह राजपूत के केस में चल रही सीबीआई जांच की रिपोर्ट दाखिल करने की मांग करने वाली एक याचिका खारिज की है. इस याचिका में मांग की गई थी कि उच्चतम न्यायालय, केंद्रीय जांच एजेंसी को दो महीनों में जांच पूरी कर ट्रायल कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दे. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि वो इसपर सुनवाई नहीं करेगा और याचिकाकर्ता अपनी अपील हाईकोर्ट में ले जा सकते हैं.