बीजापुर में सड़क निर्माण में लगा ठेकेदार को नक्सलियों ने पीट-पीटकर मार डाला, घटनास्थल पर छोड़ा यह संदेश

माओवाद से प्रभावित छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सड़क निर्माण में लगे एक ठेकेदार की पीट-पीटकर हत्या कर दी. नक्सलियों ने वहां एक पर्चा भी छोड़ा है, उसमें दूसरे ठेकेदारों को भी इसी तरह के अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है.

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बीजापुर:

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने सड़क निर्माण के काम में लगे एक ठेकेदार की हत्या कर दी. हत्या के बाद नक्सलियों ने ठेकेदार के शव को सड़क पर फेंक दिया.नक्सलियों ने शव के साथ एक पर्चा भी छोड़ा है. इस पर्चे में ठेकेदारों को धमकी दी गई है. मृतक उत्तर प्रदेश का रहने वाला था. पुलिस ने इस घटना में शामिल नक्सलियों की तलाश में अभियान शुरू किया है.

नक्सलियों ने कहां की ठेकेदार की हत्या

बीजापुर जिले के पामेड़ थाना क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत एक सड़क बन रही है. इसका नक्सली विरोध कर रहे हैं. नक्सलियों ने नारायणपुर के धौड़ाई निवासी और मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले जेसीबी ठेकेदार इम्तियाज अली की बेरहमी से हत्या कर दी. नक्सली इम्तियाज का शव निर्माणाधीन सड़क पर फेंककर फरार हो गए.उन्होंने मौके पर एक पर्चा भी छोड़ा. यह उनकी धमकी और दहशत फैलाने की कोशिश को साफ दिखाता है. पर्चे पर लिखा था,''रोड ठेकेदार कोई भी हो, सोचे...ऐसी ही मौत होगी.'' ठेकेदार की हत्या की जिम्मेदारी पामेड़ एरिया कमेटी ने ली है.

ठेकेदार की हत्या के बाद नक्सलियों की ओर से छोड़ा गया पर्चा.

यह घटना शुक्रवार शाम की है. सड़क निर्माण स्थल पर जेसीबी के पास सिविल कपड़ों में पहुंचे नक्सलियों ने वहां मौजूद मुंशी को पकड़कर जंगल की ओर ले गए. इसकी सूचना मिलने पर ठेकेदार इम्तियाज अली भी मुंशी को बचाने के लिए उस जगह पर गया,जहां नक्सली मुंशी से पूछताछ कर रहे थे. नक्सलियों ने ठेकेदार को भी पकड़ लिया. नक्सलियों ने ठेकेदार की पीच-पीटकर मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद नक्सलियों ने मुंशी को छोड़ दिया.नक्सलियों के चंगुल से निकलकर मुंशी जंगलों के रास्ते देर रात इरापल्ली कैंप पहुंचा. उसने पूरी घटना की जानकारी सुरक्षा बलों को दी. 

क्या कहना है सुरक्षा बलों का 

घटना की सूचना पाकर स्थानीय पुलिस और सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके में सर्चिंग अभियान तेज कर दिया. अधिकारियों का कहना है कि सड़क निर्माण से ग्रामीण इलाकों में संपर्क बढ़ रहा है. इससे नक्सलियों की पकड़ कमजोर होती जा रही है. इसी दबाव में नक्सली इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.वहीं सुरक्षा बलों ने आश्वस्त किया है कि विकास कार्य बाधित नहीं होने दिए जाएगा. 

पिछले एक साल में सुरक्षा बलों की ओर से नक्सल प्रभावित इलाकों में चलाए गए ऑपरेशनों से नक्सलियों की पकड़ कमजोर हुई है. टॉप नक्सली मांडवी हिड़मा समेत कई बड़े नक्सली नेताओं के मारे जाने के बाद नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास कार्यों में तेजी आई है. सरकार फॉरवर्ड बेस कैंप स्थापित कर सड़क, बिजली और पानी जैसी सुविधाएं ग्रामीणों तक पहुंचा रही है. इसे देखते हुए कमजोर हो चुके नक्सली लगातार विरोध और भय का वातावरण बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

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