नौसेना का 40 घंटे का बचाव अभियान : 35 समुद्री लुटेरों ने आत्मसमर्पण किया, 17 चालक दल के सदस्यों को मुक्त कराया

Navy rescue operation: भारतीय नौसेना ने समुद्री सुरक्षा बनाए रखने और यात्रा करने वाले नाविकों की सुरक्षा सुनिश्चित की अपनी अटूट प्रतिबद्धता दोहराई.

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नौसेना ने भारतीय तट से लगभग 2600 किमी दूर बचाव अभियान चलाया.
नई दिल्ली:

भारतीय नौसेना ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि भारतीय युद्धपोत आईएनएस कोलकाता (INS Kolkata) ने शनिवार को सभी 35 समुद्री लुटेरों को सफलतापूर्वक घेर लिया और उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर दिया. इसके साथ ही उनके कब्जे से 17 चालक दल के सदस्यों को बिना किसी चोट के मुक्त करा लिया.

40 घंटों तक चले इस बचाव अभियान में आईएनएस कोलकाता ने भारतीय तट से लगभग 2600 किमी दूर चल रहे हमलावर समुद्री डाकुओं के कब्जे वाले जहाज रुएन (Ruen) को रोक लिया. उनके कब्जे में मौजूद चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित रूप से बचाने और संकटग्रस्त जहाज पर पूर्ण नियंत्रण लेने के ऑपरेशन में भारतीय युद्धपोत आईएनएस सुभद्रा (INS Subhadra) , हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (HALE RPA) ड्रोन, पी8आई समुद्री गश्ती विमान और सी17 विमान से उतरे मार्कोस कमांडोज ने हिस्सा लिया.

इससे पहले, भारतीय नौसेना ने एक संकटग्रस्त जहाज पर सवार चालक दल के सदस्यों को निकालने के लिए चल रहे बचाव अभियान के बारे में जानकारी दी थी.रुएन को 14 दिसंबर, 2023 को सोमाली समुद्री डाकुओं ने अपने कब्जे में ले लिया था.

नौसेना ने कहा, जहाज पर सवार समुद्री डाकुओं को भारतीय नौसेना ने तुरंत आत्मसमर्पण करने और उनके कब्जे वाले लोगों को रिहा करने को कहा गया था.

भारतीय नौसेना ने समुद्री सुरक्षा बनाए रखने और यात्रा करने वाले नाविकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी अटूट प्रतिबद्धता दोहराई. भारतीय नौसेना की यह कार्रवाई समुद्री डकैती से निपटने और अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानूनों को बनाए रखने के भारत के संकल्प का प्रमाण है.

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