वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन बोले – ‘ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ, चीन की हर हरकत पर नजर’

वाइस नेवी चीफ ने कहा कि हमारी नजर हिन्द महासागर में चीन की हर हरकत पर है. हमें उनके बारे में पता है कि वो क्या कर रहे हैं.  यह भी पता है कि कब वो हिंद महासागर में आ रहे है और कब जा रहें है?  एडमिरल वात्सायन के मुताबिक हर वक्त हिंद महासागर में  चीन के करीब 3 से 4 शिप मौजूद रहते हैं.

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  • भारतीय नौसेना का ऑपरेशन सिन्दूर अभी जारी है और सभी गतिविधियां सामान्य रूप से चल रही हैं
  • फरवरी में विशाखापत्तनम में अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू और मिलन नौसैनिक अभ्यास आयोजित होंगे
  • चीन को इस फ्लीट रिव्यू में आमंत्रित नहीं किया गया है और हिंद महासागर में उसकी हरकतों पर कड़ी नजर रखी जा रही है
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नई दिल्ली:

भारतीय नौसेना के सह नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है. हम अभी भी पूरी तरह तैनात हैं. किसी भी अप्रत्याशित हालात से निपटने के लिए पुरी तरह तैयार हैं. साथ ही हमनें अपनी कोई एक्टविटी बंद नहीं की है. सुबकुछ पहले की तरह है. इसी का नतीजा है कि हम अगले साल फरवरी महीने में विशाखपत्तनम में इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू करने जा रहे हैं जिसमें 55 से अधिक देशों की नौसेना हिस्सा लेने जा रही है. फ्लीट रिव्यू के साथ मिलन नौसैनिक अभ्यास भी होगा. अमेरिका, रुस, आस्ट्रेलिया और जपान जैसे तमाम बड़े देश अपनी युद्धपोत लेकर आयेंगे लेकिन चीन को न्योता के सवाल पर गोल मोल जवाब दिया. साफ है चीन को इनवाइट नही किया गया है.    

वाइस नेवी चीफ ने कहा कि हमारी नजर हिन्द महासागर में चीन की हर हरकत पर है. हमें उनके बारे में पता है कि वो क्या कर रहे हैं.  यह भी पता है कि कब वो हिंद महासागर में आ रहे है और कब जा रहें है?  एडमिरल वात्सायन के मुताबिक हर वक्त हिंद महासागर में  चीन के करीब 3 से 4 शिप मौजूद रहते हैं.  कभी कभी इनकी तदाद 5 से 6 भी हो जाती है. उन्होंने कहा कि मौजूदा जियो पॉलिटिकल  हालात की वजह से हिंद महासागर क्षेत्र में बाहरी शक्तियों की लगातार मौजूदगी बनी रहती है. कई बार तो ऐसा भी होता है कि  एक बार में 40- से 50 शिप यहां मौजूद रहते हैं. हालांकि, वह यह भी कहते हैं यह कोई नई बात नहीं पर अब उनकी मौजूदगी बढ़ रही है. उन्होंने  यह भी कहा कि हमारी नजर हिंद महासागर में आने वाले हर शिप पर पूरी नजर है. जहां जो भी जरुरी कदम होगा हम उठायेंगे.

नौसेना के सह सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि गुजरात में फिलहाल बड़े स्तर पर तीनों सेनाएं मिलकर सैन्य अभ्यास त्रिशूल में हिस्सा ले रही हैं. इसमें नौसेना के 20 से 25 युद्धपोत और वायुसेना के 40 के करीब लड़ाकू विमान शामिल हो रहे हैं. इसके अलावा थल सेना के टैंक और तोप भी मैदान में उतर आए हैं. कोशिश है आपसी तालमेल को और बेहतर किया जा सके ताकि किसी भी डोमेन में सेनायें मिलकर  बेहतर तरीके से ऑपरेशन कर सकें.

वहीं नौसेना अगले साल फरवरी में विशाखापट्टनम में तीन अंतरराष्ट्रीय आयोजन करने जा रहा है. इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू , एक्सरसाइज मिलन और इंडियन ओशन नेवल सिम्पोजियम कॉन्वलेव ऑफ चीफ्स. ये आयोजन 15 से 25 फरवरी तक होंगे. इस दौरान राष्ट्रपति द्वारा 18 फरवरी फ्लीट रिव्यू भी किया जाएगा. इसमें स्वदेशी  विमान वाहत पोत आईएनएस विक्रांत, विशाखापट्टनम क्लास डिस्ट्रॉयर,  निलगिरी क्लास स्टेल्थ फ्रिगेट्स और कलवरी क्लास की पनडुब्बी भी हिस्सा लेंगी.  भारत में अब तक इससे पहले दो अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू आयोजित किये जा चुके हैं. साल 2001 मुबंई में तो दूसरा 2016 में विशाखापट्टनम में.      

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