नवरात्रि के जश्न के बीच गरबा और रामलीला पर क्यों विवाद, पूनम पांडेय से लेकर डिजिटल एप्स तक की एंट्री

दुर्गा पूजा में गरबा से लेकर रामलीला तक पर विवाद शुरू हो गए हैं. कहीं गोमूत्र पिलाने की मांग हो रही है तो कहीं आधार कार्ड दिखाकर एंट्री देने की बात हो रही है. गुजरात में केस भी दर्ज हो चुका है.

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  • विश्व हिंदू परिषद ने गरबा आयोजकों को आधार कार्ड से पहचान कर लोगों को एंट्री देने और तिलक लगाने को कहा है.
  • नवरात्रि के दौरान डिजिटल माध्यमों से पूजा और गरबा कार्यक्रमों का आयोजन बढ़ा है.
  • विभिन्न प्रदेशों में गरबा आयोजनों को लेकर सामाजिक विवाद और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं सामने आईं हैं.
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शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2025) की शुरुआत 22 सितंबर से हो रही है. पंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि दिन सोमवार 22 सितंबर को देर रात 01 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 23 सितंबर को देर रात 02 बजकर 55 मिनट पर होगा. ऐसे में 22 सितंबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी. आज पितृ पक्ष की समाप्ति के साथ ही बाजारों में नवरात्रि की खरीदारी भी शुरू हो जाएगी. पूजा और कार्यक्रमों की तैयारियां तो बहुत पहले शुरू हो गईं हैं, मगर जश्न की तैयारियों के बीच विवाद भी शुरू हो गए हैं. 

आधार कार्ड से होगी जांच

मुंबई में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने शनिवार को कहा कि नवरात्र के अवसर पर आयोजित होने वाले ‘गरबा' कार्यक्रमों में केवल हिंदुओं को ही प्रवेश दिया जाना चाहिए. उसने आयोजकों को सलाह दी कि वे पहचान के लिए प्रवेश करने वालों के आधार कार्ड की जांच करें. महाराष्ट्र के मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि आयोजकों को किसी कार्यक्रम में प्रवेश की शर्तें तय करने का अधिकार है, बशर्ते वह पुलिस की अनुमति से आयोजित किया जा रहा हो. इस पर कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि विहिप ‘समाज में आग लगा देना' चाहती है. विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने कहा, ‘‘गरबा सिर्फ एक नृत्य नहीं है, बल्कि देवी को प्रसन्न करने के लिए की जाने वाली पूजा का एक रूप है. वे मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करते हैं. केवल उन्हीं लोगों को इसमें भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए, जो इन अनुष्ठानों में आस्था रखते हैं.''

विहिप को मिला बीजेपी का समर्थन

श्रीराज नायर ने कहा कि विहिप ने गरबा आयोजकों को परामर्श जारी कर उनसे प्रवेश द्वार पर आधार कार्ड की जांच करने एवं प्रतिभागियों को तिलक लगाने का आग्रह किया है और यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि प्रवेश करने से पहले प्रतिभागी पूजा करें. नायर ने कहा,‘‘विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता इन आयोजनों पर नजर रखेंगे. गरबा मनोरंजन नहीं बल्कि पूजा का एक रूप है. जिन लोगों की देवी में आस्था नहीं है, उन्हें इसका हिस्सा नहीं बनना चाहिए.'' विहिप के रुख पर बावनकुले ने कहा कि (प्रवेश द्वार पर) इस तरह के प्रतिबंध लगाना आयोजन समितियों के अधिकार में है.  बावनकुले ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह उनका अधिकार है. निर्णायक बात यह है कि आयोजन के लिए पुलिस की अनुमति है या नहीं. आयोजन समितियों को इसके आधार पर ही निर्णय लेना चाहिए.''

गोमूत्र से होगा छिड़काव

नागपुर में भी विश्व हिंदू परिषद ने प्रेस कांफ्रेंस कर गरबा पंडालों में प्रवेश के लिए सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं. इन दिशा निर्देशों के अनुसार, गरबा पंडाल में केवल हिंदू समुदाय के लोगों को ही प्रवेश की अनुमति होगी. प्रवेश करने वाले लोगों को माथे पर तिलक लगाना होगा, हाथ में रक्षा सूत्र बांधना होगा, और देवी की पूजा करनी होगी. साथ ही, उन पर गोमूत्र का छिड़काव भी किया जाएगा. इन नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए प्रवेश द्वार पर भगवान विष्णु के वराह अवतार की तस्वीर लगाई जाएगी और पंडाल में प्रवेश करने वालों को पहले उनकी पूजा करनी होगी, तब ही प्रवेश कर पाएंगे.

दुर्गा पूजा अब डिजिटल

वक्त बदल रहा है और इसके साथ तौर-तरीके भी. त्योहार भी अछूते नहीं रहे. एक दौर था जब नवरात्रि में लोग मोहल्ले के पंडाल में जुटते थे, डांडिया की रिहर्सल महीनों चलती थी, और मां की चौकी के लिए हरसिंगार और गुड़हल का एक-एक फूल हाथ से चुना जाता था. अब मां की आरती भी जूम पर मुमकिन है तो गरबा इंस्टाग्राम रील्स के जरिए रंग जमाते हैं! हाल ही में काशी विश्वनाथ से लेकर गया जी तक कुछ तस्वीरें और वीडियो ऐसे आए, जिसमें पिंडदान की पेमेंट ऑनलाइन की गई और विधि-विधान वहां पुरोहितों ने संपन्न करा दिया. कोरोना के बाद से ही आभासी दुनिया ने अपनी मौजूदगी का एहसास करा दिया है. पिछले कुछ वर्षों से (खासकर कोरोना दौर के बाद) कई बड़े मंदिर, जैसे अंबाजी (गुजरात), वैष्णो देवी, और कालीघाट, अब लाइव दर्शन की सुविधा दे रहे हैं. पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा की अलग ही धूम रहती है. वहां भी तकनीक का प्रयोग किया जाता है, लेकिन लोगों को ये बताने के लिए कि आप किस रास्ते से कहां पहुंच सकते हैं. शारोदत्सव, द पूजा डॉट 13 ऐसे एप्स हैं, जो वहां काफी मददगार साबित होते आए हैं. कुछ पंडाल समितियां तो बाकायदा 'जूम पूजा' आयोजित करती हैं, जिसमें पुजारी मंत्रोच्चारण करते हैं और भक्त घर बैठे आरती गा सकते हैं. 

नवरात्रि पर डिजिटल एप्स

आज गरबा केवल ग्राउंड में नहीं होता—वह इंस्टाग्राम रील्स और स्नैपचैट फिल्टर्स में भी छा गया है. हर साल कोई न कोई "गरबा चैलेंज" वायरल हो जाता है. इस साल का नया ट्रेंड हैशटैग नवरात्रि ग्लोअप है, जिसमें लोग पहले के सादे और बाद के पारंपरिक लुक वाले वीडियो शेयर करते हैं. 'ग्रेट इंडियन गरबा फेस्ट' (जीआईजीएफ) एक ऐसा ही आयोजन है जो सोशल प्लेटफॉर्म के जरिए ऑनलाइन पार्टिसिपेशन को बढ़ावा देता है. अब मां दुर्गा के 108 नाम याद रखने के लिए किताबें नहीं खंगालनी पड़तीं. मात्र एक ऐप डाउनलोड कीजिए और मंत्र, चालीसा, व्रत विधि सब कुछ एक क्लिक में उपलब्ध हो जाता है. शारदीय नवरात्रि के कुछ ट्रैंडिंग हैशटैग्स अभी से ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तैरने लगे हैं. जैसे- डिजिटलनवरात्रि, गरबाएटहोम, वर्चुअल आरती, नवरात्रिओओटीडी (आउटफिटऑफदडे), और डांसफॉरदेवी.

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5 किलो की पगड़ी

गुजरात के अहमदाबाद के अंतरराष्ट्रीय गरबा डांसर अनुज मुदलियार हर साल किसी न किसी नई थीम पर पगड़ी बनाते हैं. इस बार वह 'ऑपरेशन सिंदूर' की थीम पर 5 किलो की पगड़ी पहनकर गरबा करेंगे. अहमदाबाद के 'टर्बन मैन' अनुज मुदलियार ने बताया कि इस साल ऑपरेशन सिंदूर की थीम पर पगड़ी बनाई है. पूरे कपड़े का वजन 14.5 किलोग्राम है. अनुज मुदलियार ने बताया कि साल 2015 में उन्होंने सोचा था कि गरबा में कुछ नया लुक लेकर जाएं, ताकि एक खास पहचान बने. 2017 से उन्होंने पगड़ियां बनाना शुरू किया. इसी साल उन्होंने जीएसटी पर एक पगड़ी बनाई. फिर एक हेरिटेज पगड़ी और उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक पगड़ी बनाई. उसी समय के बाद से वे चर्चा में आ गए और वे 'टर्बन मैन' के नाम से मशहूर हो गए.

म्यूजिक इंडस्ट्री भी तैयार

Photo Credit: Ajay Kumar Patel

म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े लोग भी अपनी प्रतिभा दिखाने को आतुर हैं और नई धुन तैयार कर लोगों को नचाने के लिए उत्साहित हैं. म्यूजिक डायरेक्टर समीर रावल ने बताया कि लगभग 50 साल से गरबा का कार्यक्रम कर रहा हूं. इस दौरान 4 हजार से ज्‍यादा शोज किए हैं. हम ज्‍यादा ट्रेडिशनल गरबा करते हैं. गायिका कविता बोदानी ने बताया कि गरबे की धूम पर नाचने के लिए गुजरात तैयार है और इससे जुड़े लोग महीनों से मेहनत कर अपनी कला को दिखाने के लिए आतुर हैं. गुजराती गानों को एकदम नए तरीके से पेश किया जाएगा.

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मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता की अपील 

मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता आरिफ मसूद ने भाजपा नेताओं के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा वाले त्योहारों से पहले जान-बूझकर ऐसी बयानबाजी करते हैं, जिससे माहौल खराब होता है. उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वे गरबा पंडालों में जाने से परहेज करें ताकि किसी तरह का विवाद न हो. कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा नवरात्रि जैसे त्योहारों के दौरान जानबूझकर ऐसी बयानबाजी करती है, जिससे सामाजिक माहौल में तनाव पैदा हो. उन्होंने कहा कि नवरात्रि खुशियों का त्योहार है और लोग श्रद्धा के साथ पूजा-पाठ करते हैं, लेकिन भाजपा के लोगों को त्योहार के दौरान भी वाद-विवाद ही नजर आता है. उन्होंने मुस्लिम समुदाय को सुझाव दिया कि मुस्लिम समुदाय को गरबा आयोजनों में शामिल होने से बचना चाहिए. उनका तर्क है कि इससे किसी भी संभावित विवाद या तनाव से बचा जा सकता है, खासकर जब कुछ संगठन पहले से ही इस मुद्दे को हवा दे रहे हैं.

इंदौर में चेतावनी

इंदौर में विहिप के प्रांत प्रशासनिक प्रमुख संतोष शर्मा ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि हिंदू संगठन किसी भी सूरत में गैर-हिंदुओं को गरबा पांडालों में प्रवेश नहीं करने देंगे. उनका कहना है कि नवरात्रि जैसे पवित्र पर्व का उपयोग कुछ लोग गलत मंशा से कर रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने यह भी मांग की कि नवरात्रि के नौ दिनों तक शहर में मीट और मांस की दुकानों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए. इससे श्रद्धालु बिना किसी व्यवधान के मां दुर्गा की आराधना कर सकेंगे. शहर में कुछ लोग लव जिहाद के लिए फंडिंग कर रहे हैं. यह सिर्फ धार्मिक मामला नहीं, बल्कि समाज की सुरक्षा और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा का विषय है.

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गुजरात में मुकदमा दर्ज

गुजरात के खेड़ा जिले में मस्जिद, मदरसा और दरगाह के समीप सार्वजनिक स्थान पर लोक नृत्य गरबा करने पर सख्त प्रतिबंध लगाने संबंधी सूचना पट्ट लगाए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया है. नवरात्रि उत्सव शुरू होने के एक सप्ताह से भी कम समय पहले यह घटनाक्रम सामने आया. एक अधिकारी ने मंगलवार को यहां बताया कि मातर कस्बे में एक मस्जिद, मदरसा और दरगाह के नजदीक स्थित स्थान पर गरबा खेलने पर कथित रूप से प्रतिबंध लगाने के लिए पुलिस ने मुस्लिम समाज के दो स्थानीय नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह मातर कस्बे के नानी भागोल क्षेत्र में हुसैनी चौक की दीवार पर ‘मुस्लिम पंच' द्वारा बोर्ड लगाया गया था. बोर्ड पर लिखा था,‘‘सार्वजनिक सूचना - नानी भागोल में हुसैनी चौक में मस्जिद, दरगाह और मदरसे के पास गरबा खेलने पर सख्त प्रतिबंध है: मुस्लिम पंच, नानी भागोल द्वारा.'' पुलिस उपाधीक्षक वी.आर. वाजपेयी ने कहा, ‘‘बोर्ड के बारे में पता चलने पर बजरंग दल के स्थानीय नेताओं ने शिकायत दर्ज कराई और कहा कि नोटिस की सामग्री से हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है. बजरंग दल के नेता धवल जाला की शिकायत के आधार पर हमने बोर्ड लगाने वाले मुस्लिम पंच के दो पदाधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.''

पूनम पांडेय की रामलीला पर विवाद

दिल्ली की रामलीला में अभिनेत्री पूनम पांडेय की इंट्री से हिन्दू संगठन नाराज़ हैं. पूनम पांडेय ने सोशल मीडिया के ज़रिए जानकारी साझा किया है कि राम लीला हमारी धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि हमारी संस्कृति और परंपरा का उत्सव है. इसमें सम्मिलित होकर मैं स्वयं को सौभाग्यशाली मानती हूं. उन्होंने कहा कि लवकुश रामलीला समिति की ओर से इस पावन अवसर पर आमंत्रित करने के लिए मैं धन्यवाद देती हूं. पूनम पांडेय को पुरानी दिल्ली की प्रतिष्ठित लवकुश रामलीला में मंदोदरी का रोल मिला है. जबकि आर्य बब्बर रावण का रोल करेंगे. रावण की पत्नी मंदोदरी थी, जो रावण को अच्छी सलाह देती थी. रावण और मंदोदरी के बेटे मेघनाथ थे. विहीप ने पूनम पांडेय की रामलीला में भूमिका करने पर आपत्ति दर्ज करते कहा कि इंद्रप्रस्थ विश्व हिंदू परिषद (विहिप), दिल्ली के प्रांत मंत्री सुरेंद्र गुप्ता ने प्रतिष्ठित लव कुश रामलीला में 'मंदोदरी' की भूमिका के लिए अभिनेत्री पूनम पांडे के चयन पर गहरी चिंता व्यक्त की है.

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इस संबंध में सुरेंद्र कुमार गुप्ता ने लव कुश रामलीला समिति को एक औपचारिक पत्र भेजकर इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है. पत्र में इस बात पर जोर दिया कि रामलीला केवल एक नाट्य-प्रस्तुति नहीं, बल्कि भारतीय समाज और संस्कारों का एक जीवंत हिस्सा है. संगठन ने यूनेस्को द्वारा रामलीला को दिए गए सांस्कृतिक महत्व का भी उल्लेख किया, जो इसे एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त पारंपरिक प्रदर्शन के रूप में पहचानता है. हालांकि रामलीला कमेटी की ओर से अब तक विहिप की आपत्ति पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. अपने बोलेडनेस के लिए सुर्खियों में रहने वाली पूनम पांडेय ने 2013 में नशा फ़िल्म से अपने कैरियर की शुरुआत की थी. इससे पहले वो किंगफ़िशर में मॉडल भी रह चुकी हैं. पहली बार वो विवादों में तब आईं, जब अपनी एक अर्द्धनग्न फोटो ट्विटर पर डाल दी थी. समय-समय पर अपनी बोल्डनेस की वजह से वो विवादों में रही हैं

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