Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि का आज से शुभारंभ हो गया है. नवरात्रि में 6 अप्रैल तक देवी के 9 स्वरूपों की पूजा-अर्चना होगी. नवरात्रि के पहले दिन देवी दुर्गा की माता शैलपुत्री (Shailputri Mata) के रूप में पूजा की जाती है. देशभर के बड़े मंदिरों में श्रद्धालु सुबह से ही पहुंचने शुरू हो गए. सुबह की पहली आरती के साथ श्रद्धालु नवरात्रि की शुरुआत करने को शुभ मानते हैं. आइए आपको बताते हैं कि देशभर के बड़े मंदिरों में कैसे की जा रही मां दुर्गा की पूजा-अर्चना.
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में चैत्र नवरात्रि के पहले दिन श्रद्धालु अष्टभुजा माता मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं. यहां भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. वहीं, प्रथम चैत्र नवरात्रि पर मंगला आरती के दौरान काशी में माता विशालाक्षी शक्तिपीठ से भेजे गए गंगाजल के 'नव कलश' से काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग का अभिषेक किया गया.
दिल्ली में चैत्र नवरात्रि के पहले दिन छतरपुर के श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर में पूजा-अर्चना की जा रही है. यहां बीती रात से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया. मंदिर में पहुंचने के लिए लोगों को लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है. लेकिन माता रानी के दर्शन के लिए भक्तों का जोश देखते ही बन रहा है.
दिल्ली के झंडेवालान मंदिर (Jhandewalan Temple) में चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सुबह की आरती में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली. झंडेवालान मंदिर के पुजारी अंबिका प्रसाद पंत ने बताया, 'आज चैत्र नवरात्रि का पहला दिन है. आज देवी दुर्गा की शैलपुत्री के रूप में पूजा की जाती है. उन्हें शैलपुत्री इसलिए कहा जाता है, क्योंकि उन्हें हिमालय की पुत्री माना जाता है...'
झंडेवालान मंदिर में सुबह की आरती में शामिल होने वाली एक श्रद्धालु नीतू कहती हैं, 'हम सुबह 4 बजे की आरती में शामिल होने के लिए यहां आए थे. हमें बहुत अच्छे दर्शन हुए. भगवान सबका भला करें.'
महाराष्ट्र में मुंबई में चैत्र नवरात्रि में श्री मुंबादेवी मंदिर में भारी संख्या में भक्त पहुंचते हैं. मुंबादेवी का मंदिर मुंबई के भुलेश्वर इलाके में स्थित है, जो एक प्रमुख तीर्थ स्थल है. इस मंदिर में मुंबादेवी की मूर्ति स्थापित है, जो एक शक्तिशाली और दयालु देवी के रूप में पूजी जाती है. मुंबादेवी को मुंबई की रक्षक देवी माना जाता है और उनकी पूजा करने से लोगों को सुख, समृद्धि और सुरक्षा की प्राप्ति होती है.
चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का विधान है. ऐसी मान्यता है कि इन पावन दिनों में व्रत-उपासना से मनोवांछित फल की प्राप्ति हो जाती है. इतना ही नहीं, चैत्र नवरात्रि के साथ ही नव-संवत्सर यानी हिंदू नववर्ष की शुरुआत भी हो जाती है.