छोटे शहर के आर्यन को मिला करोड़ों का सैलरी पैकेज, ब्रिटेन में नौकरी, स्टेशनरी का काम करता है परिवार

NIT Hamirpur ने प्लेसमेंट के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त करते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया है. यहां माइक्रोसॉफ्ट, एनवीडिया, अमेजन और गूगल जैसी कंपनियों ने प्लेसमेंट में छात्रों की प्रतिभाओं को पहचाना.

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NIT Hamirpur placement
हमीरपुर:

NIT Hamirpur Placement : मेधावी छात्रों को एक बार फिर देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में शानदार पैकेज मिला है. आईआईटी कानपुर, आईआईटी दिल्ली से लेकर आईआईएम अहमदाबाद, मुंबई जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्र तो बाजी मारते ही रहते हैं, लेकिन इस बार हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले की एनआईटी के प्लेसमेंट में कमाल हुआ है. हिमाचल प्रदेश के एनआईटी हमीरपुर में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन (डुअल डिग्री) विभाग के स्टूडेंट शिमला निवासी आर्यन मित्तल ने प्लेसमेंट के अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. उन्हें अमेरिका की एक मल्टीनेशनल कंपनी में 3.40 करोड़ के सालाना पैकेज पर नौकरी मिली है और वो ब्रिटेन में सेवाएं देंगे.

आर्यन का परिवार स्टेशनरी के कारोबार से जुड़ा है और उनका कहना है कि ये हमारे लिए गर्व का पल है.कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग से पिंजौर की मानसी जोशी को एक बड़ी कंपनी में एक करोड़ रुपये का सालाना पैकेज मिला है. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर ने प्लेसमेंट के क्षेत्र में इस बार एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है.

सत्र 2025-2026 में संस्थान ने 3.40 करोड़ रुपये के सबसे बड़े पैकेज के साथ कई बड़े प्लेसमेंट हासिल किए हैं. इस बार टेस्ला, अमेजन, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एनवीडिया, जेपी मॉर्गन और सैमसंग दिग्गज कंपनियों ने संस्थान के विद्यार्थियों की प्रतिभा को पहचाना.

एनआईटी की यथिका ग्रोवर और वैशाली ठाकुर ने 68-68 लाख का पैकेज प्राप्त किया है. संस्थान के निदेशक प्रो. एचएम. सूर्यवंशी ने कहा कि यह संस्थान के लिए गर्व का क्षण है. 15 से अधिक छात्र पहले ही 40 लाख रुपये से अधिक के पैकेज प्राप्त कर चुके हैं, जबकि 50 छात्रों ने 30 लाख रुपये से अधिक का पैकेज हासिल किया है. पिछले वर्ष 2024-25 के लिए प्लेसमेंट इंडेक्स 94 रहा है.

संस्थान में हमीरपुर में इस साल औसत पैकेज भी बढ़कर 15 लाख रुपये प्रति वर्ष हो गया है, जो पिछले रिकॉर्ड से काफी अधिक है. संस्थान ने अब तक के सबसे बड़े पैकेज के रिकॉर्ड को ध्वस्त करते हुए इसे 2.05 करोड़ से बढ़ाकर 3.40 करोड़ रुपये प्रति वर्ष पहुंचा दिया है. संस्थान की रजिस्ट्रार डॉ. अर्चना नानोटी ने सफलता का श्रेय पूरे स्टाफ की कड़ी मेहनत को दिया.

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