'एयरलाइंस को लूट की छूट, किराये से लेकर पानी तक सब महंगा', लोकसभा में बरसे चंद्रशेखर आजाद

सांसद चंद्रशेखर ने सवाल पूछा कि पांच दिन पहले जिस टिकट की कीमत 5000 रुपये होती है वह यात्रा वाले दिन 2500 रुपये की कैसे हो जाती है.

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चंद्रशेखर आजाद ने उठाया हवाई किराए की कीमतों का मुद्दा
नई दिल्ली:

आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) ने लोकसभा में हवाई किराये में कटौती का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि देश में ऐसी बहुत बड़ी आबादी है, जिसने हवाई जहाज को कभी छूआ तक नहीं है. रैलियों में जितने लोग नेता को देखने नहीं आते उतने लोग हेलीकॉप्टर को देखने आते हैं. पीएम मोदी ने एक सपना दिखाया था कि हवाई चप्पल पहनने वाले भी हवाई जहाज में यात्रा करेंगे लेकिन क्या किसी के पास इसका रिकॉर्ड है कि कितने हवाई चप्पल पहनने वालों ने हवाई यात्रा की.

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नगीना सांसद ने उठाया एयरपोर्ट पर महंगाई का मुद्दा

चंद्रशेखर ने कहा," मेरे इलाके नगीना और बिजनौर में लाखों लोगों ने केवल हवाई जहाज को आसमान में उड़ते ही देखा है. हवाई टिकट का रेट आज इतना ज्यादा है कि गरीब डर की वजह से हवाई जहाज में चढ़ने का सपना नहीं देख सकता." उन्होंने कहा कि अगर फ्लाइट आधे घंटे लेट हो जाती है तो इसमें फ्लाइट वालों की गलती है. लेकिन इसका असर उस शख्स पर पड़ता है, जिसकी कार पार्किंग में खड़ी होती है. लखनऊ एयरपोर्ट पर 5 मिनट की पार्किंग के 200 रुपए लगते हैं और 10 मिनट के 400 रुपये लगते है. ये तो जेब पर डाका डालने वाली बात हुई.

चाय-कॉफी से लेकर पानी तक महंगा

एयरपोर्ट पर महंगाई की बात करते हुए नगीना सांसद ने कहा कि सर्दियों में दो-तीन घंटे फ्लाइट का लेट होना आम बात है. लोगों को एयरपोर्ट पर इंतजार करना पड़ता है. जबकि पीने का पानी तक वहां खरीदना पड़ता है. 20 रुपये वाली पानी की बोतल वहां पर 200 रुपये में मिलती है. चाय-कॉफी के लिए तो 700 रुपये चुकाने होते हैं.

हवाई टिकट के दामों पर सवाल

कितना भी जरूरी काम से जाना हो अगर 5 मिनट लेट हुए तो फ्लाइट उड़ जाती है. तुरंत कहीं जाना हो तो टिकट और महंगे हो जाते हैं. चंद्रशेखर ने सवाल पूछा कि पांच दिन पहले जिस टिकट की कीमत 5000 रुपये होती है वह यात्रा वाले दिन 25000 रुपये की कैसे हो जाती है. जबकि ऐसा तो हो नहीं सकता कि 100 सीट है तो उसमें डेढ़ सौ लोग जा सकते हैं. जितनी सीटें हैं लोग भी उतने ही जाते हैं तो फिर रेट कैसे बढ़ जाते हैं.  

एयरलाइंस को लूट की छूट

फेयर में कोई कैपिंग नहीं होने की वजह से हवाई यात्रा के लिए ज्यादा किराया वसूला जाता है. वह सोचते हैं कि जितना लूट सकते हो उतना लूटो. इसलिए उन्होंने इस मुद्दे को सदन में उठाया है. उन्होंने सवाल किया कि यात्रा वाले दिन क्या फ्यूल का रेट बढ़ जाता है जो ज्यादा किराया यात्रियों से वसूला जाता है. एयरलाइंस को लूट की छूट दे दी गई है. 

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धार्मिक आयोजनों के वक्‍त किराए की ज्यादा वसूली

केंद्र सरकार पर हमलावर चंद्रशेखर ने कहा कि सारे एयरलाइंस का निजीकरण कर सब खत्म कर दिया गया है. ट्रैवल एजेंट को भी खुली छूट है. धार्मिक आयोजन के समय तो किराए बेतहाशा बढ़ जाते हैं. उन्होंने मांग उठाई कि धार्मिक आयोजन के समय एयरलाइंस को यात्रा फ्री कर देनी चाहिए. अगर उनकी यात्रा का पैसा सरकार दे दे तो इसमें क्या दिक्कत है.  
 

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