मुज़फ्फरनगर दंगा : योगी सरकार ने अपने मंत्री, विधायक समेत 40 लोगों पर से वापस लिया केस

2013 Muzaffarnagar Riots: मुज़फ्फरनगर दंगों में मुकदमा वापस होने का यह पहला मामला है. इससे पहले बीजेपी के विधायक संगीत सोम के खिलाफ मुज़फ्फरनगर दंगों से जुड़े एक मामले में पुलिस द्वारा फाइनल रिपोर्ट लगाकर खत्म कर दिया गया था.

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Muzaffarnagar Riots: बीजेपी विधायक संगीत सोम के खिलाफ मुज़फ्फरनगर दंगों से जुड़े एक मामले में पुलिस द्वारा पहले ही फाइनल रिपोर्ट लगाकर खत्म कर दिया गया था.
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने मुज़फ्फरनगर दंगों (Muzaffarnagar Riots) के आरोपी 40 लोगों पर से मुक़दमे वापस ले लिए हैं. जिन लोगों पर से मुक़दमे वापस लिए गए हैं उनमें योगी सरकार के मंत्री सुरेश राणा, बीजेपी विधायक संगीत सोम के अलावा बीजेपी नेता भारतेंदु सिंह, साध्वी प्राची समेत 40 लोग शामिल हैं. इन लोगों पर आरोप था कि इन्होंने मुज़फ्फरनगर के नंगला मंदौड़ इलाके में एक सभा कर दूसरे धर्म के लोगों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए, जिससे दंगा भड़का.

मुज़फ्फरनगर दंगों में मुकदमा वापस होने का यह पहला मामला है. इससे पहले बीजेपी के विधायक संगीत सोम के खिलाफ मुज़फ्फरनगर दंगों से जुड़े एक मामले में पुलिस द्वारा फाइनल रिपोर्ट लगाकर खत्म कर दिया गया था.

यू पी के मुज़फ्फरनगर ज़िले में दंगों की वजह वहां के कवाल कस्बे की एक हत्या बनी थी. 27 अगस्त, 2013 को कवाल में सचिन और गौरव नाम के दो लड़कों ने शाहनवाज़ नाम के एक नौजवान की हत्या कर दी थी. शाहनवाज़ की हत्या से नाराज़ वहां जमा हुई भीड़ ने सचिन और गौरव को पीट-पीट कर मार डाला था. इसके बाद इलाके में साम्प्रदायिक तनाव फैल गया था.

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इसके दो दिन बाद 30 अगस्त को जुमे के दिन एक मस्जिद से निकले नमाज़ियों के बीच बीएसपी और कांग्रेस के नेताओं ने भाषण दिए थे. 31 अगस्त को उनके खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के इल्जाम में मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके बाद इस मुद्दे पर पंचायतों का सिलसिला शुरू हो गया था.

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दंगों से पहले सबसे बड़ी पंचायत घटनास्थल ककल से थोड़ी ही दूर नांगल मंदौड़ में दूसरे पक्ष ने एक बड़ी पंचायत की. इसमें बीजेपी नेता संगीत सोम, सुरेश राणा, भारतेंदु सिंह, साध्वी प्राची समेत 40 लोगों पर भड़काऊ भाषण दे कर साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने का मुक़दमा कायम हुआ था. यूपी की बीजेपी सरकार ने ट्रायल कोर्ट में अर्जी दे कर इस मुक़दमे को खत्म करने की दरख्वास्त की थी. अब अदालत ने वो मुकदमा वापस ले लिया है.

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