केरल (Kerala) सरकार की ओर से नियुक्त एक समिति द्वारा राज्य में स्कूलों के समय में बदलाव करने की खबरें मीडिया में आने के बाद, मुस्लिम विद्वानों (Muslim Scholars) के एक प्रमुख संगठन ने इसका शुक्रवार को इसका विरोध किया और कहा कि इस निर्णय से मदरसे (Madrassa) में पढ़ने वाले बच्चों पर बुरा असर पड़ेगा. सुन्नी विद्वानों के संगठन ‘समस्त केरल जमीयत उल उलमा', जिसे समस्त के नाम से भी जाना जाता है, ने कहा है कि ऐसा लगता है कि इस निर्णय से धार्मिक अध्ययन की पढ़ाई को हतोत्साहित करने का इरादा था. संगठन ने कहा कि यह निर्णय किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है.
समस्त के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि साम्यवाद में अनीश्वरवाद की विचारधारा निहित है लेकिन वाम मोर्चे की सरकार इसे अपनी नीति के तौर पर लागू नहीं कर सकती और उन्हें सबको साथ लेकर चलना होगा. समस्त के नेता अब्दुस्समन्द पूक्कोतुर ने कहा, “स्कूल के वर्तमान समय में बदलाव से मदरसे की पढ़ाई प्रभावित होगी. वर्तमान में भी सुबह सात से साढ़े आठ बजे तक का समय ही धार्मिक अध्ययन के लिए मिल पाता है.”
उन्होंने कहा, “अगर नया समय लागू किया गया तो बच्चों को मदरसे के लिए समय ही नहीं मिल पाएगा. इसलिए धार्मिक संगठन इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं.” राज्य सरकार द्वारा स्कूली शिक्षा पर गठित एम. ए. खादर समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है जिसमें कथित तौर पर स्कूलों का समय बदलकर सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक करने का सुझाव दिया गया है.