बिहार (Bihar) के समस्तीपुर जिले में दिल दहला देने वाली एक वारदात में एक मुस्लिम शख्स को स्वघोषित गौरक्षकों ने न केवल कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला बल्कि हत्या के बाद उसके शव को जलाने की कोशिश की और फिर अधजली लाश को नमक के साथ जमीन के अंदर गाड़ दिया, ताकि जल्द से जल्द वह सड़ गल जाय. पीड़ित मुस्लिम शख्स की पिटाई का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
स्थानीय मीडिया की कुछ रिपोर्टों में भी दावा किया गया है कि कथित तौर पर हमलावरों ने शख्स की मौत हो जाने के बाद लाश पर पेट्रोल छिड़ककर उसे आग लगाकर जलाने की कोशिश की फिर उसके शरीर पर नमक छिड़का और उसे जमीन में गाड़ दिया.
वायरल वीडियो में भीड़ के सामने हाथ जोड़कर रहम की भीख मांग रहे शख्स की पहचान राज्य की सत्ताधारी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के समस्तीपुर जिले के कार्यकर्ता मोहम्मद खलील आलम के रूप में की गई है. वीडियो में खलील आलम को हमलावरों से हाथ जोड़कर बख्श देने की गुहार लगाते हुए देखा जा सकता है. हालांकि, वीडियो फुटेज में हमलावर नहीं दिखाई दे रहे हैं लेकिन पीड़ित को उन स्थानों का खुलासा करने के लिए मजबूर करते हुए सुना जा सकता है, जहां गोकशी की जाती है. हमलावर पीड़ित शख्स से पूछ रहे हैं कि कौन-कौन से लोग गोमांस बेचने में शामिल हैं, उनके नाम बताओ?
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वायरल वीडियो में हमलावर ये भी पीड़ित शख्स से पूछते हैं कि उसने अपने जीवन में कितना गोमांस खाया है और क्या उसने इसे अपने बच्चों को भी खिलाया है? उन्होंने उससे सवाल किया कि क्या कुरान उसे गोमांस खाने की इजाजत देता है, जिस पर वह जवाब देता है कि ऐसा नहीं है.
इस वीडियो में अभद्र भाषा और अपशब्दों की भरमार है. वीडियो को मुसलमानों के खिलाफ घृणा अपराध की एक और घटना के रूप में व्यापक रूप से वायरल किया गया है. हालांकि, स्थानीय पुलिस, आरोपों से इनकार करती है और दावा करती है कि यह एक हत्या को कवर करने के लिए अलग तरह की एक रणनीति है. NDTV स्वतंत्र रूप से इस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सकता है.
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उधर, बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने देर रात एक हिंदी अखबार की कतरन साझा करते हुए इस घटना की निंदा की है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है. तेजस्वी ने सोशल मीडिया पर लिखा है, "बिहार की NDA सरकार में कानून व्यवस्था पूर्णतः समाप्त हो चुकी है. गाय के नाम पर मुस्लिम युवक जो स्वयं JDU नेता था उसे पीट कर, जिंदा जलाकर दफ़ना दिया गया. नीतीश जी बताएं, बिहार में लगातार ऐसी घटनाएँ क्यों हो रही है? लोग कानून को हाथ में क्यों ले रहे हैं?"
मोहम्मद खलील आलम का शव उनके परिवार द्वारा गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के चार दिन बाद शुक्रवार की शाम बूढ़ी गंडक नदी के किनारे से बरामद किया गया था.
स्थानीय पुलिस के मुताबिक पीड़ित के परिवार वालों ने 16 फरवरी को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. अगले कुछ दिनों तक उन्हें पीड़ित के मोबाइल नंबर से धमकी भरे फोन आते रहे और पैसे मांगे जाते रहे. फोन करने वाले ने दावा किया कि खलील ने उससे 5 लाख रुपये उधार लिए थे और परिवार द्वारा भुगतान में देरी करने पर खलील की किडनी निकालकर बेच देंगे या उसका मर्डर कर देंगे.
19 फरवरी को खलील का शव नदी के किनारे से बरामद किया गया था, जहां उसे रेत में दबा दिया गया था. बाद में, मंगलवार को स्थानीय पुलिस को एक वीडियो मिला जिसमें उससे पशु तस्करी में उसकी भूमिका के बारे में पूछा जा रहा है. पुलिस ने दावा किया है कि यह वीडियो सिर्फ ध्यान हटाने और हत्या को सांप्रदायिक रंग देने के लिए रिकॉर्ड किया गया है.