MP के ऑटोरिक्शा में नहीं बजेगा तेज आवाज में संगीत, स्पीड तय करने समेत कई पाबंदियां लागू

ट्रैफिक सिग्नल पर रेडलाइट उल्लंघन या तय लेन में गाड़ी नहीं चलाने पर जिस ऑटोरिक्शा चालक का साल में दो बार से अधिक मोटर यान अधिनियम के तहत चालान काटा जाएगा, उसे आइंदा इस वाहन को चलाने के काम पर नहीं रखा जा सकेगा.

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इंदौर:

मध्य प्रदेश की सड़कों पर ऑटोरिक्शा चालकों (MP Auto Rikshaw NEW Rules) को अक्सर तेज आवाज में गीत-संगीत (Loud Music) बजाते देखा जा सकता है, लेकिन राज्य में ऑटो रिक्शाओं के विनियमन के लिए तैयार मसौदे को मंजूरी मिल गई, तो लोक परिवहन के इन वाहनों में म्यूजिक सिस्टम लगवाना कायदों के उल्लंघन के दायरे में आ जाएगा और संबंधित गाड़ी का परमिट सजा के तौर पर निरस्त कर दिया जाएगा. अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि "ऑटोरिक्शा विनियमन योजना 2021" के मसौदे में कहा गया है, "वाहन स्वामी अपने ऑटोरिक्शा में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं कराएगा और म्यूजिक सिस्टम (Music System) नहीं लगवाएगा." मध्य प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ये नए नियम लागू किए गए हैं.

मसौदे के मुताबिक इस प्रस्तावित प्रावधान के उल्लंघन पर संबंधित ऑटोरिक्शा का परमिट निरस्त कर दिया जाएगा और उसे दोबारा परमिट जारी नहीं किया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की जबलपुर पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान 15 फरवरी को राज्य सरकार को ऑटोरिक्शाओं के विनियमन के लिए प्रावधान बनाने के निर्देश दिए थे और इस आदेश का पालन करते हुए नये प्रावधानों का मसौदा तैयार किया गया है.

मसौदे में यह भी कहा गया है कि ट्रैफिक सिग्नल पर रेडलाइट उल्लंघन या तय लेन में गाड़ी नहीं चलाने पर जिस ऑटोरिक्शा चालक का साल में दो बार से अधिक मोटर यान अधिनियम के तहत चालान काटा जाएगा, उसे आइंदा इस वाहन को चलाने के काम पर नहीं रखा जा सकेगा. मसौदे के मुताबिक अंध गति या खतरनाक तरीके या नशे की स्थिति में ऑटोरिक्शा चलाने पर किसी चालक का साल में एक बार भी मोटर यान अधिनियम के तहत चालान काटा जाएगा, तो वह आइंदा इस वाहन को चलाने के का पात्र नहीं रह जाएगा.

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इसके अलावा, आपराधिक पृष्ठभूमि वाले किसी व्यक्ति को भी ऑटो रिक्शा चलाने के कार्य पर नहीं रखा जा सकेगा. मसौदे में यह भी कहा गया है कि डीजल या पेट्रोल से चलने वाले 10 साल से अधिक पुराने ऑटो रिक्शा का किसी भी मार्ग पर नया परमिट स्वीकृत नहीं किया जाएगा. इस श्रेणी के पुराने परमिट वाले वाहनों के स्थान पर सीएनजी से चलने वाले ऑटो रिक्शाओं के परिचालन को मंजूरी दी जाएगी. मसौदे के मुताबिक हर ऑटोरिक्शा में अधिकृत गति नियंत्रक (स्पीड गवर्नर) लगाया जाएगा ताकि यह वाहन अधिकतम 40 किलोमीटर प्रति घंटा के तय दायरे में चल सके.

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इसके अलावा, प्रत्येक ऑटो रिक्शा में व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस लगाना अनिवार्य होगा और यह उपकरण परिवहन विभाग के केंद्रीय सर्वर से जुड़ा होगा. इस बीच, ऑटोरिक्शाओं को लेकर प्रस्तावित कायदों के खिलाफ चालक संघों ने विरोध शुरू कर दिया है. इंदौर ऑटोरिक्शा चालक महासंघ के संस्थापक राजेश बिड़कर ने कहा, "इन कायदों का मसौदा बेहद अव्यावहारिक है और इसके अमल में आने पर हमारे लिए राज्य में ऑटो रिक्शा चलाना कठिन हो जाएगा. हम इन कायदों को लागू नहीं होने देंगे."

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