ओडिशा पुलिस ने स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की हत्या मामले में अपनी प्राथमिकी में कहा कि आरोपी सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) गोपाल दास की मंत्री की हत्या करने की ‘‘स्पष्ट मंशा'' थी. ब्रजराजनगर पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक (आईआईसी) प्रद्युम्न कुमार स्वैन ने यह बयान दिया है जो घटना के वक्त मौजूद थे जब एसआई ने 60 वर्षीय मंत्री पर रविवार को कथित तौर पर गोली चलायी थी जिससे कुछ घंटे बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी थी.
प्राथमिकी में गोपाल दास द्वारा हमला करने के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है लेकिन करीब एक दशक से पुलिस अधिकारी का इलाज कर रहे मनोचिकित्सकों ने कहा कि वह मानसिक विकार 'बाइपोलर डिसऑर्डर' पीड़ित है. इसमें व्यक्ति कई बार दिमागी संतुलन खो देता है. आईआईसी ने ब्रजराजनगर पुलिस थाने में अपनी शिकायत में कहा, ‘‘कार्यक्रम के लिए यातायात प्रबंधन की ड्यूटी में तैनात गांधी चौक पुलिस थाने का एएसआई गोपाल दास अचानक मंत्री के करीब आया और अपनी सर्विस पिस्तौल से करीब से गोली चलायी. उसकी मंशा साफ तौर पर मंत्री की हत्या करने की थी.''
बरहामपुर के एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में मनोरोग विभाग के प्रमुख डॉ. चंद्र शेखर त्रिपाठी ने कहा कि गोपाल दास करीब 10 साल पहले मानसिक विकार की चपेट में आए थे. त्रिपाठी ने कहा, ‘‘दास करीब 10 साल पहले मेरे क्लिनिक में आया था. उसे बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता था तथा वह इसका इलाज करा रहा था. मैं यकीन से नहीं कह सकता कि वह नियमित रूप से दवाएं ले रहा था या नहीं. अगर दवाएं नियमित रूप से नहीं ली जाती तो यह बीमारी फिर से उभर आती है. आखिरी बार मेरे क्लिनिक आए हुए उसे एक साल हो गया है.''
आरोपी एएसआई द्वारा कथित तौर पर चलायी दूसरी गोली से स्वैन को एक उंगली में चोट लग गयी. उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी/कर्मी मंत्री के कार्यक्रम के लिए यातायात प्रबंधन, कानून एवं व्यवस्था के अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए 29 जनवरी 2023 को साढ़े 10 बजे तैनात हो गए थे. आईआईसी ने कहा, ‘‘दोपहर करीब 12 बजकर 15 मिनट पर मंत्री नब किशोर दास की कार इमारत के समीप रुकी और वह अपनी गाड़ी से उतरे. अचानक कार्यक्रम के लिए यातायात प्रबंधन की ड्यूटी पर तैनात एएसआई मंत्री के करीब आया तथा मंत्री को निशाना बनाते हुए बहुत करीब से अपनी सर्विस पिस्तौल से उन पर गोली चला दी.''
स्वैन ने बताया कि गोली मंत्री के सीने पर लगी तथा वह नीचे गिर पड़े. मंत्री के शरीर पर गोली के घाव से काफी खून बह रहा था. उन्होंने बताया कि उनके साथ कांस्टेबल केसी प्रधान ने आरोपी एएसआई को दबोच लिया. उन्होंने कहा, ‘‘इस दौरान एएसआई ने अपनी 9 एमएम की पिस्तौल से दो और गोलियां चलायी. उसकी दूसरी गोली से मुझे एक उंगली पर चोट लगी.'' आईआईसी ने प्राथमिकी में बताया है कि मंत्री के अलावा कालीनगर के जीबनलाल नायक रिंटू नामक एक व्यक्ति को भी चोट आयी. थोड़े संघर्ष के बाद स्वैन तथा कांस्टेबल प्रधान ने दास को काबू में कर लिया.
रिकॉर्ड के अनुसार, गंजम जले में आठ जुलाई 1992 को बतौर कांस्टेबल ओडिशा पुलिस में भर्ती हुए दास को नौ सितंबर 2009 को सहायक उप-निरीक्षक पद पर पदोन्नत किया गया. सेवा पुस्तिका में उसका रिकॉर्ड अच्छा रहा है. उसने विभिन्न मामलों में उचित जांच करने के लिए कम से कम 18 पदक जीते. इस बीच, कालाहांडी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बसंत पांडा ने कहा कि वह ओडिशा के मंत्री की हत्या का मामला संसद में उठाएंगे.
एएसआई गोपाल दास के परिवार के सदस्यों को बरहामपुर शहर के अंकुली में उनके नव निर्मित मकान से शहरी के बाहरी इलाके में गंजू के समीप उनके पैतृक घर में भेज दिया गया है. एएसआई की पत्नी ने कहा, ‘‘हम इस घटना से बेहद स्तब्ध तथा मानसिक रूप से परेशान हैं. अंकुली में नव निर्मित मकान में हमें सांत्वना देने के लिए कोई नहीं था. हम गंजू के समीप पैतृक मकान में आकर सुरक्षित महसूस कर रहे हैं.'' पुलिस ने बताया कि गंजम जिले में दास के परिवार को घर पर सुरक्षा देने का कोई प्रावधान नहीं है. बरहामपुर के पुलिस अधीक्षक सर्वणा विवेक एम ने कहा, ‘‘परिवार ने कोई पुलिस सुरक्षा नहीं मांगी और हमने ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की है.''
ये भी पढ़ें-