कोरोना वायरस महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर के बीच, मुंबई के एक स्कूल शिक्षक कोविड रोगियों की मदद के लिए आगे आए हैं. पेशे से शिक्षक दत्तात्रय सावंत, पीपीई किट पहनने और वाहन को साफ करने जैसे सभी सावधानियों को बनाए रखते हुए ऑटो रिक्शा चला रहे हैं और कोरोना के मरीजों को मुफ्त ऑटो रिक्शा की सवारी की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं. वह मरीजों को मुफ्ट में घर से अस्पताल और अस्पताल से घर मुफ्त में छोड़ते हैं.
न्यूज एजेंसी ANI से उन्होंने कहा, "मैं मरीजों को घर से अस्पताल और अस्पताल से घर मुफ्त में छोड़ता हूं. देश में जब तक ये कोरोना रहेगा, मेरी सेवा जारी रहेगी"
आज देश अपने बुरे वक्त से गुजर रहा है. हर जगह से दिल को दर्द देने वाली खबरें दुखाने वाली खबरें आ रही है. ऐसे में मदद करने वाले कुछ लोग दिल जीत लेते हैं. शिक्षक दत्तात्रय सावंत उन्हीं लोगों में से एक है.
उन्होंने कहा, "मैं व्यक्तिगत रूप से सभी एहतियाती कदम उठाता हूं. वर्तमान में, कोरोना रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इनमें से कई ठीक से इलाज न होने के कारण मर रहे हैं. वहीं ऐसी स्थिति में, गरीब मरीजों को समय पर सरकारी सहायता मिलनी मुश्किल होती है.
उन्होंने आगे कहा, "प्राइवेट एम्बुलेंस सस्ती नहीं हैं, अक्सर सार्वजनिक वाहन कोविड रोगियों को सेवाएं प्रदान नहीं करते हैं। ऐसे मामलों में, मेरी मुफ्त सेवा रोगियों को उपलब्ध है"
उन्होंने कहा, "मैं कोविड के मरीजों को देखभाल केंद्रों और अस्पतालों में मुफ्त में छोड़ देता हूं, साथ ही अपने घरों में छुट्टी दे दी जाती है" मुंबई के उपनगरीय घाटकोपर के निवासी, श्री सावंत ज्ञानसागर विद्या मंदिर स्कूल में अंग्रेजी पढ़ाते हैं.
राज्य भर में तेज गति से कोरोना वायरस रोगियों की संख्या बढ़ने के कारण, सावंत पिछले कुछ दिनों से पूर्वोत्तर मुंबई में नि: शुल्क सेवाएं दे रहे हैं. उन्होंने अब तक 26 कोविड रोगियों को मुफ्त यात्रा प्रदान की है और उनके काम को सभी द्वारा सराहा जा रहा है. दत्तात्रय सावंत ने कहा कि जब तक कोविड की लहर बनी रहती है तब तक यह सेवा जारी रहेगी.
सावंत को आर्थिक मदद देने के लिए कई लोग आगे आए हैं. कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) ने घोषणा की है कि वह अपने रिक्शा के लिए ईंधन की पूरी लागत वहन करेगा.