मुंबई में कोरोनावायरस (Coronavirus) के फर्जी टीकाकरण मामले में पुलिस तेजी से कार्रवाई कर रही है. मामले में 10 FIR दर्ज करने के साथ ही पुलिस ने इस फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंट को भी गिरफ्तार कर लिया है. फर्जी टीकाकरण के खुलासे के बाद से फरार चल रहे आरोपी राजेश पांडे के पुलिस ने बारामती से गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक आरोपी राजेश पांडेय ने खुद को बड़े अस्पताल का पीआरओ बताया था और टीकाकरण के फर्जी कैंप के आयोजन में अहम भूमिका निभाई थी. आरोपी के खिलाफ अंबोली पुलिस स्टेशन ने केस दर्ज किया है. आरोपियों ने क्वान इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के 218 लोगों को टीका लगाया था. माम में अब तक दर्ज हुई 10 FIR में कुल 12 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं.
बता दें कि मुंबई में एक हीरा कंपनी के 600 से अधिक कर्मियों के लिए फर्जी कोविड-19 टीकाकरण शिविर का आयोजन किया गया था. मामले में मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. अभी तक की कार्रवाई में मुख्य आरोपी डॉक्टर मनीष त्रिपाठी समेत अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. प्रतिष्ठित निजी अस्पतालों से संबद्ध होने का दावा करने वाले गिरोह ने बड़ी आवासीय सोसाइटी और निजी कंपनियों में कथित रूप से अनाधिकृत और फर्जी टीकाकरण शिविर लगाया था.
शहर की इंटर कांटिनेंटल डायमंड कंपनी ने हाल में गिरोह के खिलाफ उसके 618 कर्मियों के लिए ऐसे ही शिविर का आयोजन कर लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने की शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत के अनुसार डॉ मनीष त्रिपाठी, डॉ अनुराग करीम और रोशनी पटेल ने 23, 24 और 28 अप्रैल को कांदीवली (पूर्व) उपनगर में कंपनी के कर्मियों के लिए शिविर का आयोजन किया था. समता नगर पुलिस ने मामले में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 308 (गैर इरातन हत्या का प्रयास), 420 (ठगी) और 120-बी (साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की.