मुंबई : कोविड-19 से जंग लड़ रहे युवाओं की आपबीती, इनमें से कई हैं ऑक्‍सीजन सपोर्ट पर

मुंबई में कई युवा मरीज़ वेंटिलेटर-ICU-ऑक्‍सीजन सपोर्ट पर हैं. इनकी रिकवरी में भी बहुत देरी हो रही है

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
मुंबई में कई युवा मरीज़ वेंटिलेटर-ICU-ऑक्‍सीजन सपोर्ट पर हैं (प्रतीकात्‍मक फोटो)
मुंंबई:

मुंबई के कोरोना के कुल संक्रमितों में 57% मामले 49 साल की उम्र से नीचे के हैं. इस उम्र में अच्छी इम्यूनिटी के कारण लक्षण देर से दिखते हैं और जांच या इलाज शुरू होते होते संक्रमण पांव पसार चुका होता है. मुंबई में कई युवा मरीज़ वेंटिलेटर-ICU-ऑक्‍सीजन सपोर्ट पर हैं. रिकवरी में भी बहुत देरी हो रही है .इन्‍हीं युवाओं में से एक, 29 साल के संजय क़रीब 25 दिनों से बीमार हैं, कोविड निगेटिव रहे लेकिन फेफड़ों में संक्रमण इतना फैला कि सीधे वेंटिलेटर की ज़रूरत पड़ी. 17 अप्रैल से वे दो अस्पताल बदल चुके हैं. फिलहाल BKC जंबो अस्पताल में भर्ती हैं और ऑक्‍सीजन लेवल 80-85 के बीच है. बीमारी के चलते संजय को शादी टालनी पड़ी क्‍योंकि इलाज और लम्बा चलने वाला है. 

दिल्ली में कोरोना पॉजिटिविटी रेट गिर कर 17.03% हुआ, पिछले 24 घंटों में 13,287 नए मामले

संजय कहते हैं, '20 (अप्रैल) तारीख़ को मेरी शादी थी लेकिन कैन्सल करनी पड़ी, मुझे लगा था कि शादी की तारीख तक ठीक हो जाऊँगा लेकिन ठीक होने में वक़्त लग रहा है. कल्याण के निजी अस्पताल में था, वहां रिकवरी नहीं हो रही थी इसलिए अस्पताल बदल कर यहां आना पड़ा. Cough इतना जमा हो गया था कि सांस नहीं ले पा रहा था, बोल नहीं पा रहा था. संजय का इलाज कर रहे डॉक्‍टर कहते हैं, 'ये मरीज़ इस बात उदाहरण हैं कि कैसे मरीज़ निगेटिव होने के बावजूद गंभीर हो रहे हैं. इस मरीज़ का यही हाल रहा. ये निगेटिव थे लेकिन CT स्कोर 10/25 था यानी इनको कोविड हो चुका था. शुरुआत में लक्षण नहीं दिख रहे थे तो मरीज़ भले ही निगेटिव थे लेकिन इनके फेफड़ों पर बहुत असर दिखा यानी कोविड अपना असर दिखा चुका था, अब इनके ट्रीटमेंट में ऑक्‍सीजन की डिमांड हम कम करने की कोशिश कर रहे हैं. वेंटिलेटर पर थे, फिर HFNC पार आए,अभी venturi mask पर हैं. कल Nasalcrom पर डाल कर देखेंगे कि कैसे ऑक्‍सीजन मेनटेन कर रहे हैं.'

कोरोना के खिलाफ न करें गोबर का इस्तेमाल, ब्लैक फंगस जैसे संक्रमण का खतरा, डॉक्टरों की चेतावनी

Advertisement

39 साल के कुणाल मंधजन की भी कुछ ऐसी ही कहानी है. 89% ऑक्‍सीजन लेवल के साथ वे मुंबई के बीकेसी में 4 मई को भर्ती हुए. CT स्कैन कराई तो फेफड़ों में संक्रमण का स्कोर 25 में 16 तक पहुंच चुका था. इसके बाद की कोविड रिपोर्ट पॉज़िटिव आई पर तब तक इनके रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा अचानक घट गयी और भारी लक्षण के साथ अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.अभी रिकवरी में वक़्त है. कुणाल कहते हैं, 'पता ही नहीं चला कि मुझे कोविड है या नहीं है, डॉक्टर भी उलझन में थे. मुझे लगा सिर्फ़ सर्दी-खांसी है. फिर मैंने CT स्कैन करवाया तो स्कोर 16 आते ही डॉक्टर ने भर्ती होने को कहा. साथ में मैंने कोविड का टेस्ट भी करवा लिया था. यहां मैं इसलिए आया क्‍योंकि सांस लेने में दिक़्क़त थी. ऑक्‍सीजन लेवल 89-90 चला गया था.' डॉक्‍टर के अनुसार, 'जब कुणाल एड्मिट हुए तो इनकी सांस बहुत ज़्यादा फूल रही थी. वे सांस बराबर से नहीं ले पा रहे थे. खांसी के साथ सरदर्द भी था. अभी इनकी कोई शिकायत नहीं है. अभी ये 15 लीटर Non-Rebreather Oxygen Mask पर हैं. 94-95 ऑक्‍सीजन लेवल मेनटेन कर रहे हैं.''

Advertisement
Featured Video Of The Day
Income Tax Budget 2025: Middle Class के लिए खुशखबरी, अब Tax Slab में होगी होगी इतनी Percent तक छूट
Topics mentioned in this article