MSP के मुद्दे पर सरकार की कमेटी की पेशकश किसानों को स्वीकार नहीं

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा- सरकार ने NIA को नाजायज केस न करने के निर्देश देने का भरोसा दिया

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संयुक्त किसान मोर्चा के नेता दर्शन पाल.
नई दिल्ली:

संयुक्त किसान मोर्चा ने बुधवार को सरकार के साथ हुई मीटिंग के बाद कहा कि आज अहम वार्ता हुई. सरकार ने किसानों के समक्ष एक प्रपोजल रखा कि एक साल या ज्यादा समय के लिए कृषि कानूनों को सस्पेंड कर दिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दे दिया जाएगा. किसानों ने रिपील की मांग पर ज़ोर दिया और अगली बैठक तक विचार विमर्श कर निर्णय लेने की बात कही. MSP के मुद्दे पर सरकार ने कमेटी की पेशकश की परंतु किसानों ने इसे अस्वीकार किया. इस पर 22 जनवरी की अगली मीटिंग में विस्तारपूर्वक चर्चा होगी.

संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस नोट में कहा है कि आज की मीटिंग में सरकार द्वारा NIA जांच और गिरफ्तारियों पर भी चर्चा हुई और सरकार ने NIA को नाजायज केस न करने के निर्देश देने का भरोसा दिया. आज दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाश गुरपरब है. आज दुनियाभर में 11 बजे से 1 बजे तक "देह सिवा बरु मोहे" शब्द उच्चारण करते हुए इस आंदोलन की कामयाबी का प्रण लिया गया.

मोर्चा ने कहा कि 26 जनवरी की किसान परेड के संबध में दिल्ली, हरियाणा और उत्तरप्रदेश पुलिस के साथ बैठक हुई. किसान आउटर रिंग रोड पर परेड करने की मांग पर अडिग रहे वहीं पुलिस ने दूसरे रास्ते देने का और परेड ना करने का आह्वान किया. इसके बारे मे कल भी एक बैठक होगी.

इस राष्ट्रव्यापी जनांदोलन में देशभर से किसान दिल्ली बार्डर्स पर पहुंच रहे हैं. उत्तराखंड के लखीमपुर और बिजनौर से हज़ारों की संख्या में ट्रैक्टर दिल्ली पहुंचने वाले हैं. मध्यप्रदेश के रीवा, ग्वालियर, मुलताई समेत कई जगहों पर किसानों के पक्के मोर्चे लगे हुए हैं. अलग-अलग जगह पर प्रशासन को ज्ञापन दिए जा रहे हैं. महिला किसान दिवस भी पूरी ऊर्जा और उत्साह से मनाया गया. अब किसान गांव-गांव जाकर जागरूक कर रहे हैं और आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं. मध्यप्रदेश के ही बिलवानी में एक विशाल ट्रैक्टर मार्च निकाला गया.

नवनिर्माण संगठन की ओडिशा से दिल्ली की यात्रा में लोगों को मिल रहे समर्थन को देखकर उत्तर प्रदेश सरकार ने परेशान किया और रूट भी बदला गया. इसके विरोध में यात्रा के सयोंजक 26 जनवरी तक उपवास रखेंगे. पंजाब व हरियाणा में जनांदोलन व्यापक रूप ले रहा है. न सिर्फ किसान-मजदूर बल्कि समाज के हर वर्ग से लोग इस आंदोलन में भागीदारी दिखा रहे हैं. उत्तरी राजस्थान मे रोजाना ट्रैक्टर मार्च, बाइक रैली और धरना प्रदर्शन कर किसान दिल्ली बोर्डर्स पर आने की तैयारी कर रहे हैं.

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