मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में चीतों (Cheetah) के लिए बने खास बाड़े में से एक और तेंदुए को बाहर निकाला लिया गया है. कुनो पालपुर नेशनल पार्क (Kuno Palpur National Park) में चीतों को रखने के लिए बनाए गए विशेष बाड़े में विचरण कर रहे एक और तेंदुए को बाहर निकालने में वन कर्मियों ने कामयाबी हासिल की है. दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से चीतों को यहां लाने के बाद उनके अनुकूलन के लिए पांच किलोमीटर के दायरे में फैले एक विशेष बाड़े में रखा जाएगा. असल मे चीतों के लिये बने इस विशेष बाड़े में पांच तेंदुओं (Leopard) ने पिछले दिनों प्रवेश कर लिया था, जिसमें से दो को पहले और एक को पिछले सप्ताह निकाल दिया गया था.
श्योपुर के संभागीय वन अधिकारी प्रकाश वर्मा ने मंगलवार को बताया कि सोमवार को वन कर्मियों की सघन गश्त के बाद बाड़े वाले इलाके से चौथे तेंदुएं को निकल दिया गया जबकि पांचवें तेंदुए का पता लगाने और उसे जल्द ही बाड़े से बाहर निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं. महत्वाकांक्षी स्थानान्तरण परियोजना के तहत चीतों के दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से केएनपी आने की उम्मीद है, हालांकि उनके आगमन की सटीक तिथि तय नहीं है. वर्ष 1952 में चीते भारत से विलुप्त हो गए थे. ‘अफ्रीकन चीता इंट्रोडक्शन प्रोजेक्ट इन इंडिया' 2009 से चल रहा है जिसने हाल ही के कुछ सालों में गति पकड़ी है. भारत ने चीतों के आयात के लिए नामीबिया सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. वर्मा ने कहा कि निगरानी के उद्देश्य से बाड़े और उसके बाहर आठ पिंजरे व सौ से अधिक ट्रैप कैमरे लगाए गए थे.
वन विभाग के एक सूत्र ने कहा कि प्रशिक्षित हाथियों और ढोल बजाने वालों को भी तैनात किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चीतों के आने के पहले विशेष बाड़े से तेंदुए बाहर निकाल दिए जाएं. वर्मा ने कहा कि चीतों के लिए बाड़े में पर्याप्त शिकार उपलब्ध है. हालांकि चीतों के आने की तिथि फिलहाल ज्ञात नहीं है. उन्होंने कहा कि युद्धस्तर पर काम चल रहा है और लोक निर्माण विभाग ने केएनपी में दो हेलीपैड तैयार कर रहा है. इन चीतों को दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से मध्य प्रदेश पहुंचने में लंबा सफर करना होगा और वातावरण के लिहाज से यहां अनुकूलित होने में समय लगेगा. स्थानांतरित किये जाने वाले चीतों का नामीबिया में चीता संरक्षण कोष (सीसीएफ) के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के एक दल द्वारा अगस्त माह के पहले सप्ताह में पहली स्वास्थ्य जांच की गई थी.