खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के देशों में निर्माण उद्योग में काम करने वाले भारत के ज्यादातर श्रमिक या मजदूर उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और तमिलनाडु से हैं. एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है. प्रवासी श्रमिकों को उद्यमों से जोड़ने वाले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) स्थित मंच ‘हंटर' के आंकड़ों के अनुसार, भारत से जीसीसी देशों में उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और तमिलनाडु के सबसे अधिक मजदूर हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, जीसीसी क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) से प्रमाणन और शारीरिक रूप से स्वस्थ होना आवश्यक है. थोड़ी बहुत भी अंग्रेजी बोलने वालों और विभिन्न कामकाजी परिस्थितियों तथा संस्कृतियों में खुद को ढालने वाले श्रमिकों को भी निर्माण क्षेत्र द्वारा महत्व दिया जाता है. यह रिपोर्ट ‘हंटर' मंच पर मौजूद आंकड़ों पर आधारित एक विश्लेषण है.
इस बीच, हंटर के आंकड़ों के मुताबिक, पश्चिम एशिया में निर्माण उद्योग में काम करने वाले भारत के ये श्रमिक 20-40 वर्ष आयु वर्ग के हैं और ज्यादातर पुरुष हैं.
हंटर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सैमुअल जॉय ने कहा, ‘‘भारत के अलावा नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, युगांडा, केन्या, घाना और सिएरा लियोन जैसे देशों के श्रमिक पश्चिम एशिया के निर्माण क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं.''
उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में स्थिर वेतन परिदृश्य के बावजूद मांग में मौजूदा उछाल मजदूरी में संभावित वृद्धि का संकेत देता है. जॉय ने कहा, ‘‘ पश्चिम एशिया में निर्माण श्रमिकों की मांग सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत और ओमान तक फैली हुई है, जिससे दुनियाभर से कुशल श्रमिकों के लिए व्यापक अवसर तैयार हो रहे हैं.''
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