असम में बाढ़ ने एक बार फिर विकराल रूप ले लिया है. आलम ये है कि बाढ़ में अब तक 5 हजार से ज्यादा गांव जलमग्न हो चुके हैं. वहीं 33 जिलों के 42 लाख लोग बाढ़ की वजह से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ असम में किस कदर कहर बरपा रही है इसका अंदाजा इससे लगा लीजिए कि पिछले 24 घंटे में 9 लोगों की मौत हो चुकी है. कोपिली और ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसके अलावा छह अन्य नदियां भी उफान पर हैं. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक 1.80 लाख लोग 744 राहत शिविरों में आसरा ले चुके हैं.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, राज्य के अलग-अलग हिस्सों में छह व्यक्ति डूब गए जबकि तीन व्यक्तियों की भूस्खलन के कारण मौत हो गई. वहीं आठ व्यक्ति राज्य के अलग अलग हिस्सों में लापता हैं. इसके साथ ही इस साल बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 71 हो गई है. बारपेटा सबसे अधिक प्रभावित जिला है जहां 12.76 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, इसके बाद दरांग में लगभग 3.94 लाख लोग प्रभावित हैं और नगांव में 3.64 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.
कछार, दीमा हसाओ, गोलपाडा, हैलाकांडी, कामरूप मेट्रोपॉलिटन और करीमगंज से बड़े पैमाने पर भूस्खलन की सूचना मिली है. शनिवार तक राज्य के 27 जिलों में बाढ़ से करीब 31 लाख लोग प्रभावित हुए थे. मौसम कार्यालय ने सोमवार के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है, जबकि मंगलवार से बृहस्पतिवार के लिए 'येलो अलर्ट' जारी किया गया है. अगले 48 घंटे के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों में छिटपुट स्थानों पर गरज चमक या भारी से बहुत भारी वर्षा के साथ व्यापक वर्षा जारी रहने और उसके बाद वर्षा की तीव्रता में कमी की संभावना है.
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एएसडीएमए ने कहा कि वर्तमान में 5,137 गांव पानी में डूबे हुए हैं और 1,07,370.43 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है. अधिकारी 27 जिलों में 1,147 राहत शिविर और वितरण केंद्र चला रहे हैं, जहां 29,722 बच्चों सहित 1,86,424 लोग शरण लिये हुए हैं. पिछले 24 घंटे में विभिन्न बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 8,760 लोगों को बचाया गया है.
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