कोविड-19 के गंभीर लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती और खून में संक्रमण का सामना कर रहे मरीजों की मौत को ज्यादा खतरा होता है. अमेरिका के एक अध्ययन में यह दावा किया गया है. इसमें कहा गया है कि अमेरिका के रटगर्स विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने मार्च से मई तक कोरोना के 375 गंभीर मरीजों की सेहत का आकलन किया. समूह से 128 नमूनों की जांच की गई, जिनके रक्त प्रवाह में संक्रमण था और उनमें 92 प्रतिशत संक्रमण जीवाणु से था.
यह अध्ययन ‘क्लीनिकल इंफेक्शियस डिसीसेज' जर्नल में प्रकाशित हुआ है. अध्ययन की सह लेखक पिंकी भट्ट ने कहा कि इन मरीजों के अत्यधिक मानसिक तनाव में रहने, ऑक्सीजन की कम मात्रा रहने की संभावना को लेकर आईसीयू में भर्ती कराया गया था. जिन मरीजों को बाहर से ऑक्सीजन चढ़ाए जाने की जरूरत थी, उनमें रक्त प्रवाह संक्रमण की समस्या ज्यादा पाई गई. वैज्ञानिकों ने कहा कि अस्पताल में भर्ती ऐसे मरीजों की मृत्यु दर 50 प्रतिशत से अधिक थी.
अमेरिकी अध्ययन में शामिल मरीजों में 80 प्रतिशत को अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान जीवाणुओं को मारने वाली दवा ‘एंटीमाइक्रोबियल' दी गई. यह दवा उन्हें भी दी गई, जिन मरीजों के रक्तप्रवाह में संक्रमण नहीं था. भट्ट ने कहा, इसके संकेतों को समझने के लिए और अधिक अध्ययन किए जाने की जरूरत है. कोविड-19 के गंभीर मरीजों में रक्त प्रवाह संक्रमण के बारे में कब जांच करनी चाहिए और कब उसका इलाज किया जाए.
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