लोक गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या मामले की जांच हाई कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश से कराने की पंजाब सरकार के अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया है. सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में कोर्ट प्रशासन की ओर से राज्य सरकार को पत्र भेजा गया है. ऐसा माना जा रहा है कि कोर्ट प्रशासन ने सरकार से कहा है कि वह एक न्यायाधीश को केवल इस मामले के निपटारे के लिए नहीं लगा सकते. हाई कोर्ट में 38 न्यायाधीशों की कमी है, जिस कारण लगभग 4.50 लाख मामले लंबित हैं. हालांकि, इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई.
29 मई को अपराधियों ने की थी हत्या
मालूम हो कि पंजाब के मानसा जिले में 29 मई को अज्ञात हमलावरों ने गायक मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्या के बाद जारी विवाद के बीच मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने पूरे मामले की जांच की मांग है. इसी को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने सोमवार को उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग के गठन की घोषणा की थी.
पंजाब के गृह विभाग के प्रधान सचिव अनुराग वर्मा ने 30 मई को हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को लिखे एक पत्र में लिखा था, “सरकार इस गंभीर घटना के बारे में बहुत चिंतित है और अपराधियों को सामने लाने के लिए कारण की जड़ तक जाना चाहती है.”
अमित शाह को परिजनों ने लिखा पत्र
"मुझे निर्देशित किया गया है कि मैं मुख्यमंत्री भगवंत मान की वो आपील मुख्य न्यायाधीश, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय तक पहुंचाऊं, जिसमें मूसेवाला हत्याकांड की एक मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच कराने की बात कही गई है. " गौरतलब है कि मूसेवाला के परिवार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर प्रसिद्ध पंजाबी गायक की नृशंस हत्या की केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने की मांग की है.
इधर, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को मानसा में मूसेवाला के घर का दौरा किया था और मारे गए गायक के परिवार को आश्वासन दिया था कि उसके हत्यारे जल्द ही सलाखों के पीछे होंगे.
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