- भारत और रूस के बीच 23वां वार्षिक शिखर सम्मेलन रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने पर आयोजित हुआ है
- पीएम मोदी ने साझा बयान में पुतिन की यात्रा को द्विपक्षीय संबंधों के ऐतिहासिक विकास के संदर्भ में महत्व दिया है
- रूसी राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी अब बिजनेस इवेंट में भाग लेंगे
Modi Putin Joint Statement: भारत की दो दिनों की यात्रा पर आए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी के बीच की अहम बैठक खत्म हो गई है. हैदराबाद हाउस में हुई इस बैठक के बाद दोनों नेताओं ने मीडिया के सामने अपनी बात रखी किया. पीएम मोदी ने आतंकवाद से लेकर यूक्रेन में शांति जैसे मुद्दे पर बात की. पीएम मोदी ने रूसी लोगों के लिए 30 दिनों के ई-टूरिस्ट वीजा और 30 दिनों की ग्रुप टूरिस्ट वीजा की घोषणा भी की. वहीं राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि रूस और भारत के आपसी संबंध काफी मजबूत हैं. उन्होंने बताया कि रूस सबसे बड़े भारतीय न्यूक्लियर प्लांट के निर्माण के प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहा है.
पीएम मोदी के संबोधन की 7 बड़ी बातें
- "ठीक 25 साल पहले पुतिन ने रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी थी. स्पेशल और प्रिवलेज संबंधों का दर्जा दिया गया. उन्होंने इन संबंधों को निरंतर सींचा है. उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है, भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन और मेरे मित्र का मैं हृदय से आभार करता हूं."
- "विश्व में अनेक उतार-चढ़ाव आए हैं मानवता को संकट से गुजना पड़ा है, इन सबके बीच भारत रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही."
- "हम भारत-रूस आर्थिक सहयोग कार्यक्रम को 2030 तक जारी रखने पर सहमत हुए हैं."
- "आज पुतिन और मुझे इंडिया रसिया बिजनेस फोरम में शामिल होने का अवसर मिलेगा."
- "हाल ही में रूस भारत के दो नए कन्सुलेट खोले गए हैं, इससे आपकी नजदीकियां बढ़ेगी, इस साल अक्तूबर में लाखों श्रद्धालुओ को कालमिकियां में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष का लाभ मिला. हम रूसी नागरिकों के लिए 30 दिन के लिए ई टूरिस्ट वीजा और 30 दिन के लिए ग्रुप ई वीजा की शुरुआत करने जा रहे हैं."
- "भारत ने शुरू से ही यूक्रेन मुद्दे पर शांति की वकालत की है. हम इस मामले के शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं. भारत हमेशा अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और भविष्य में भी ऐसा ही रहेगा."
- "आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में रूस ने सहयोग किया है, पहलगाम या क्रोकस सिटी हॉल पर कायरपूर्ण हमला इन सबका जड़ एक ही है, आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है इसके बीच वैश्विक एकता ही हमारी ताकत है."
पुतिन के बयान की 7 बड़ी बातें
- "रूस और भारत के आपसी संबंध काफी मजबूत हैं. हमारे आपसी रिश्ते आर्थिक सहित सभी जगह मजबूत हो रहे हैं."
- "हम ट्रेन, निवेश और तकनीक को लेकर बातचीत आगे बढ़ा रहे हैं. रूस और इंडियन इकोनॉमिक सहयोग संगठन आपस में मिलकर काम कर रहे हैं."
- "ऑयल, गैस जैसी वैसी सभी चीजें देने के लिए तैयार हैं जो भारत के विकास के लिए जरूरी है. एनर्जी के लिए हम सभी तरह के सहयोग करना चाहते हैं."
- "भारतीय सिनेमा रूस में काफी पसंद किया जाता है. रुपये का इस्तेमाल का भी दायरा बढ़ा है."
- "ब्रिक्स के लिए भी भारत ने काफी प्रयास किए हैं. व्यापार और तकनीक हमारी प्रमुख प्राथमिकता है. हम रूस और भारत की जनता के लिए आपसी रिश्तों को मजबूत करना जारी रखेंगे."
- "हम सबसे बड़े भारतीय न्यूक्लियर प्लांट के निर्माण के प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहे हैं. छह में से तीन रिएक्टर पहले ही इनर्जी नेटवर्क से जुड़ चुके हैं. 4 अभी निर्माणाधीन हैं. यह भारत की फैक्ट्रियों और घरों को क्लीन इनर्जी देने में मदद करेंगे."
- "रूस और भारत ब्रिक्स, एससीओ और ग्लोबल मेजॉरिटी के अन्य देशों में समान विचारधारा वाले देशों के साथ स्वतंत्र और आत्मनिर्भर विदेश नीति का संचालन कर रहे हैं... हम संयुक्त राष्ट्र में निहित कानून के मुख्य सिद्धांत का बचाव कर रहे हैं."
क्यों अहम है यह बैठक?
23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित हुआ. इस शिखर सम्मेलन की टाइमिंग बहुत बहुत अहम है. एक तरफ अमेरिका वैश्विक सहयोग की मांग करते हुए यूक्रेन शांति समझौते पर जोर दे रहा है तो दूसरी तरफ उसने रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर टैरिफ वाला दबाव बनाए रखा है. यह शिखर सम्मेलन यूक्रेन में लगभग चार साल से चल रहे युद्ध के बीच यह भी जांच करेगा कि भारत रूस और अमेरिका के बीच कैसे बैलेंस बनाता है.
पुतिन इसके बाद कमर्शियल और इन्वेस्टमेंट एंगेजमेंट को मजबूत करने के मकसद से एक बिजनेस इवेंट में भी हिस्सा लेंगे. फिर शाम को, प्रेसिडेंट द्रौपदी मुर्मू पुतिन के लिए राष्ट्रपति भवन में बैंक्वेट होस्ट करेंगी.
इससे पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन की शुरुआत राष्ट्रपति भवन पहुंचकर की. यहां भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत किया. राष्ट्रपति पुतिन ने प्रेसिडेंट मुर्मू और पीएम मोदी से हाथ मिलाया. इसके बाद रूसी राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया. पहले रूस का राष्ट्रगान और फिर भारत का भी राष्ट्रगान हुआ. इसके बाद राष्ट्रपति पुतिन ने गार्ड निरीक्षण भी किया. रूसी राष्ट्रपति ने सिर हिलाकर सम्मान को स्वीकार किया.
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