मोदी सरकार मूल निवासियों को संवैधानिक सुरक्षा देने में विफल रही : असम जातीय परिषद

एजेपी के महासचिव जगदीश भुयां ने केंद्र की भाजपा सरकार पर वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाया, अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को वापस नहीं भेजा गया

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पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो).
गुवाहाटी:

नए क्षेत्रीय राजनीतिक संगठन असम जातीय परिषद (Assam Jatiya Parishad) ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार राज्य के मूल निवासियों को संवैधानिक सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही है. एजेपी के महासचिव जगदीश भुयां ने एक बयान में कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने वादा किया था कि मूल निवासियों की भाषाई और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा करने वाले असम समझौते के खंड छह को पूरी तरह से लागू किया जाएगा और सभी अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को 16 मई, 2014 के बाद अपना बोरिया- बिस्तर बांध कर वापस जाना होगा. एजेपी महासचिव ने कहा, "लेकिन ये सब झूठे वादे साबित हुए हैं.”

उन्होंने प्रधानमंत्री के रविवार को असम आने का जिक्र करते हुए दावा किया, ‘‘वह (प्रधानमंत्री मोदी) लोगों को कुछ वादे करने के साथ राज्य में तथाकथित विकास की झूठी तस्वीर पेश करेंगे.'' उन्होंने आरोप लगाया , ‘‘मोदी अपने ''निहित स्वार्थ'' को पूरा करने के लिए असम आते हैं. लेकिन अब यह सही समय है कि वह राज्य के लोगों को इस बात का जवाब दें कि असम समझौते के खंड छह को अभी भी लागू क्यों नहीं किया गया है.''

गौरतलब है कि चुनावी राज्य असम में एक पखवाड़े के अंदर प्रधानमंत्री दूसरी बार दौरे पर आने वाले हैं.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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