कैबिनेट में कौन कौनः 'CCS' वाले 4 सबसे पावरफुल मंत्रालयों पर क्या करेंगे मोदी?

PM Modi New Cabinet: देश की नई कैबिनेट कैसी होगी... क्या सीसीएस मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया जाएगा, यह राजनीतिक और नौकरशाही हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है. नरेंद्र मोदी आज शाम को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने जा रहे हैं.

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Modi 3.0 Cabinet: शपथ ग्रहण के लिए सांसदों को आने लगे फोन
नई दिल्‍ली:

Modi Cabinet 3.0 : कैबिनेट में कौन कौन होगा... बीजेपी के सहयोगी दलों को क्‍या मिलेगा? नरेंद्र मोदी आज शाम को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने जा रहे हैं, लेकिन इन सवालों से अभी तक पर्दा नहीं हटाया गया है. हालांकि, सूत्रों की मानें तो संभावित मंत्रियों की लिस्ट फाइनल हो गई है. नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की पार्टियों के लिए फॉर्म्युला तय हो गया है, जो एनडीए में बीजेपी के बाद सबसे ज्‍यादा सीट जीतकर आए हैं. मोदी 3.0 सरकार में सहयोगी दलों द्वारा अधिक सीटें और हाई-प्रोफाइल पोर्टफोलियो हासिल करने की मांग की चर्चा शनिवार को भी जारी रही. लेकिन ऐसे संकेत मिले कि भाजपा नेतृत्व ने एनडीए साझेदारों से आश्वासन देते हुए उनकी मांगों को 'उचित सीमा' तक कम करने के लिए कहा है. सहयोगियों से कहा गया है कि अधूरी इच्छाओं पर बाद में उचित समय पर विचार किया जाएगा. 

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पावरफुल मंत्रालयों पर सबकी नजर

सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट समिति में शामिल चार मंत्रालयों- गृह, रक्षा, वित्त और विदेश सहित कोई भी महत्वपूर्ण मंत्रालय सहयोगी दलों को नहीं दिया जाएगा. यह भी संभावना है कि भाजपा शिक्षा, संसदीय मामले, संस्कृति और सूचना एवं प्रसारण विभाग अपने पास ही रखेगी. साथ ही यह भी कोशिश रहेगी कि लोकसभा स्‍पीकर का पद भी बीजेपी के पास ही रहे. सहयोगी दलों की बात करें, तो उनके पास 12-15 मंत्रियों का प्रतिनिधित्व हो सकता है और शिरोमणि अकाली दल से भी बातचीत चल रही है. टीडीपी (16 सांसद) और जेडी-यू (12) को एक कैबिनेट बर्थ और एक जूनियर मंत्री पद के लिए समझौता करने के लिए कहा गया है. शिवसेना (7) और एलजेपी (5) को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है. रालोद (2 सांसद) प्रमुख जयंत चौधरी के मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने की उम्मीद है. सूत्रों ने कहा कि टीडीपी प्रमुख और कल्याण के सहयोगी एन चंद्रबाबू नायडू के परामर्श से जन सेना के प्रतिनिधित्व पर निर्णय लिया जा सकता है. भाजपा की पुरानी सहयोगी और अपना दल प्रमुख अनुप्रिया पटेल, जो पिछली मोदी सरकार में मंत्री थीं, उनको मंत्रालय मिलना निश्चित माना जा रहा है.

कैबिनेट में कुछ नए चेहरे भी हो सकते हैं शामिल

बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी महादलित संगठन हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के एकमात्र प्रतिनिधि हैं. वे भी मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि श्रीकाकुलम से तीन बार के सांसद राम मोहन नायडू टीडीपी के कोटे से कैबिनेट पद के लिए संभावित हो सकते हैं. पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवंगत येरन नायडू के बेटे और टीडीपी की एपी इकाई के प्रमुख किंजरापु अत्चन्नायडू के भतीजे नायडू, हालांकि केवल 34 वर्ष के हैं, उन्हें एक उभरते ओबीसी चेहरे के रूप में देखा जाता है. 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति वाले कम्मा समुदाय के डॉक्टर चंद्रशेखर पेम्मासानी, जो गुंटूर से चुने गए हैं, मंत्री पद के लिए पार्टी की पसंद हो सकते हैं. इस क्रम में जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह 'लल्लन' और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के विश्वासपात्र संजय झा को कैबिनेट पद के लिए पसंदीदा माना जा रहा है.

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लिस्ट फाइनल, नीतीश-नायडू के लिए यह फॉर्म्युला

रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी के साथ चार दर्जन मंत्री शपथ ले सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी की तरफ से सहयोगियों से कह दिया गया है कि वह अभी दबाव न बनाएं. मंत्रिमंडल विस्तार के दूसरे चरण में उनकी मांगों का ख्याल रखा जाएगा. इस पर सहमति बनने के बाद किस दल को कितनी हिस्सेदारी मिलेगी, यह फाइनल हो गया है. सूत्रों के मुताबिक, चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी और नीतीश की पार्टी जेडीयू के कोटे से एक-एक कैबिनेट मंत्री और एक एक राज्य मंत्री बनाया जाएगा.  जेडीयू के कोटे से कौन कौन मंत्री बनेगा, बड़ा सस्पेंस यह भी है. इसमें राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. चर्चा संजय झा और वाल्मिकी नगर से सांसद सुनील कुमार की भी है. लेकिन इनका नाम पहली लिस्ट में हो होगा या फिर दूसरी, यह सस्पेंस है. संजय झा को जेडीयू की एनडीए में वापसी कराने का इनाम मिल सकता है. वह नीतीश के भी खास माने जाते हैं.

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मोदी कैबिनेट में यूपी के झटके 

उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मिले झटके की झलक भी मोदी मंत्रिमंडल में दिखाई दे सकती है. विपक्षी दल जिस तरह से बहुमत मिलने पर संविधान और आरक्षण खत्म करने की बीजेपी की छवि गढ़ने में सफल रहे थे, उसे नई 'टीम मोदी' के जरिए जवाब दिया जा सकता है. बीजेपी इस चीज को लेकर बहुत गंभीर और यूपी ये दलित चेहरे की एंट्री मोदी कैबिनेट में हो सकती है.

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