लापता हुईं बिहार की 95 वर्षीय परदादी परिवार से दोबारा मिलकर डालना चाहती हैं वोट

Lok Sabha Elections 2024 : पुलिस ने उत्तरप्रदेश के सलमानपुर में तलाश शुरू की तो डब्ल्यूबीआरसी ने बिहार में. आख़िरकार पता चला कि उनके हुलिए से मिलती-जुलती एक महिला बिहार के बांका के सलमानपुर गांव से लापता है.

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नाग बिस्वास ने कहा कि हम चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने के उनके उत्साह से प्रभावित हैं.
कोलकाता:

कोलकाता के पास हावड़ा में फुटपाथ पर बेहोश मिली बिहार के बांका जिले की 95 वर्षीय महिला शनिवार को अपने परिवार से मिल गईं. उन्होंने सहयोग के लिए पुलिस व शौकिया रेडियो ऑपरेटरों के संगठन पश्चिम बंगाल रेडियो क्लब (डब्ल्यूबीआरसी) को धन्यवाद दिया और लोकसभा चुनाव में वोट देने की इच्छा जताई. महिला सजमू निशा सजोमन ने बचावकर्ताओं से दो गुहार लगाई थी. पहली यह कि वह अपने परपोते-पोतियों से मिलना चाहती है, क्योंकि वे तभी भोजन करते थे, जब वह उन्हें कहानियां सुनाती थीं और दूसरा वह सलमानपुर गांव में अपने घर के पास बूथ पर आखिरी बार अपना वोट डालना चाहती हैं.

डब्ल्यूबीआरसी के सचिव अंबरीश नाग विश्वास ने कहा,“कुछ राहगीरों ने सबसे पहले महिला को बेहोश पड़े देखा. इसके बाद गोलाबारी पुलिस स्टेशन को सूचना दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने सजमू को एक अस्पताल में भर्ती कराया.

अधिक गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाने से वह बेहोश हो गईं थीं. स्वस्थ होने के बाद पुलिस ने डब्ल्यूबीआरसी से संपर्क किया. अपने व्यापक नेटवर्क के जरिए डब्ल्यूबीआरसी सैकड़ों खोए हुए लोगों को उनके परिवारों से मिला चुका है. महिला ने अपने परपोते के बारे में बताया और कहा कि वह सलमानपुर की रहने वाली हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह वोट डालना चाहती हैं.”

पुलिस ने उत्तरप्रदेश के सलमानपुर में तलाश शुरू की तो डब्ल्यूबीआरसी ने बिहार में. आख़िरकार पता चला कि उनके हुलिए से मिलती-जुलती एक महिला बिहार के बांका के सलमानपुर गांव से लापता है. महिला के परिवार से संपर्क करने पर उनके पोते-पोतियां उनकी तस्वीर दिखाए जाने पर रोने लगे. उनमें से एक तुरंत हावड़ा के लिए ट्रेन में चढ़ गया.

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नाग बिस्वास ने कहा,“ महिला के परिवार के सदस्यों ने हमें बताया कि सजमू के लापता होने के बाद से बच्चे ठीक से खा भी नहीं रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने घर के बगल में एक जर्जर स्कूल भवन में स्थापित होने वाले मतदान केंद्र में इस लोकसभा चुनाव में आखिरी बार मतदान करना चाहती हैं. निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) में उनकी उम्र 89 वर्ष दर्ज है, लेकिन वास्तव में वह 95 वर्ष की हैं. नाग बिस्वास ने कहा, हम चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने के उनके उत्साह से प्रभावित हैं.

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