सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं ने टीकों को लेकर हिचकिचाहट बढ़ायी : अध्ययन

सोशल मीडिया (Social Media) पर गलत सूचनाओं ने टीका (Vaccination) लगवाने के लिए हिचकिचाहट को बढ़ावा दिया है और टीकों से लाभ-हानि को लेकर गलत छवि बनायी है.

विज्ञापन
Read Time: 14 mins
पीएलओएस वन' पत्रिका ने कोविड महामारी से पहले के करीब 60 अरब ट्वीट्स का विश्लेषण किया गया.
लंदन:

सोशल मीडिया (Social Media) पर गलत सूचनाओं ने टीका (Vaccination) लगवाने के लिए हिचकिचाहट को बढ़ावा दिया है और टीकों से लाभ-हानि को लेकर गलत छवि बनायी है. एक अध्ययन में यह दावा किया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने टीका लगवाने को लेकर हिचकिचाहट को वैश्विक स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है. टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ डेनमार्क (डीटीयू) के बार्के मॉन्सटेड ने कहा, ‘‘टीके के समर्थक जब भी ट्विटर पर टीकों के बारे में जानकारी साझा करते हुए समाचार मीडिया और विज्ञान संबंधी साइटों का हवाला देते हैं तो हम देख सकते हैं कि टीकों का विरोध करने वाले लोगों से जुड़े प्रोफाइल्स उन यूट्यूब वीडियो और साइटों का लिंक ज्यादा साझा करते हैं जिन्हें फर्जी खबरें और साजिश वाली धारणाएं फैलाने के लिए जाना जाता है.''

उन्होंने कहा, ‘‘टीके की विरोधी प्रोफाइल अक्सर उन वाणिज्यिक साइटों से जुड़ी होती हैं जो वैकल्पिक स्वास्थ्य उत्पाद बेचती हैं. यह हैरानी की बात है कि टीकों को लेकर हिचकिचाहट हितों के वित्तीय टकराव के डर से निकलती है.''

मॉन्सटेड ने कहा कि पहले के अध्ययन से पता चलता है कि वैकल्पिक स्वास्थ्य उत्पादों की बिक्री से कमायी करने वाले लोग टीकों को लेकर गलत सूचना फैलाने के जिम्मेदार होते हैं.

Advertisement

पत्रिका ‘पीएलओएस वन' में हाल में प्रकाशित इस नए अध्ययन में कोविड-19 महामारी से पहले के करीब 60 अरब ट्वीट्स का विश्लेषण किया गया. मॉन्स्टेड ने कहा ‘‘हमने पाया कि सोशल नेटवर्क में लोग सूचना का जो स्रोत चुनते हैं वह टीके के प्रति उनके अपने रुख पर काफी देर तक निर्भर करता है.''

Advertisement




 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
CM Atishi का BJP पर निशाना, Bus Marshals की नियुक्ति पर क्या बोली?
Topics mentioned in this article