मीरा रोड मर्डर केस : मृतका ने आरोपी को बताया था मामा, बहुत पैसे वाला और कपड़ा मिल का मालिक- अनाथ आश्रम कर्मचारी

आरोपी मनोज ने पुलिस बताया कि महिला ने 3 जून को खुदकुशी की थी.  उसने डर के मारे कि मैं कहीं फंस ना जाऊं इसलिए शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की.

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मुंबई के मीरा रोड पर श्रद्धा वालकर से भी घिनौना हत्याकांड

मुंबई के मीरा रोड में श्रद्धा वालकर से भी भयानक हत्याकांड सामने आया है.  लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे एक शख्स ने अपनी पार्टनर की निर्मम हत्या कर दी. फिर उसके शव के टुकड़े किए और कुकर में उबाले और शव के टुकड़ों को मिक्सी में पीसकर कर हर संभव तरीके से सारे सबूत मिटाने की कोशिश की, लेकिन इससे पहले कि वो सबूत मिटाने में कामयाब होता पड़ोसी को उस पर शक हो गया और पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने शव के टुकड़े बरामद कर आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया. फ़िलहाल आरोपी अभी पुलिस की रिमांड पर है और उससे पुलिस की पूछताछ जारी है.

मृतका ने अनाथ आश्रम में आरोपी को बताया था कपड़ा मिल का मालिक

बताया जा रहा है कि मृतका सरस्वती वैद्य अनाथ थीं . NDTV उसी अनाथ आश्रम में पहुंचा जहां मृतका रही थीं. मृतका सरस्वती वैद्य अहमद नगर के जानकीबाई आपटे बालिका आश्रम से पढ़ी थीं. उन्होंने वहां से दसवीं की पढ़ाई की थी. आश्रम की कर्मचारी अनु सालवे ने एनडीटीवी को बताया कि सरस्वती उस आदमी को मामा पुकारती थी. सरस्वती ने आश्रम में बताया था कि मामा बहुत पैसे वाला है और उसकी कपड़े की मिल है. वो दोनों सफेद कार में आते थे. सरस्वती अपने साथ दूसरे बच्चों के लिए खाना और कपड़े भी लाती थी.पहले वो बहुत खुश रहती थी, लेकिन दो साल पहले आई थी, तब दुखी थी और ठीक से बात नहीं की थी. सरस्वती जब 18 साल की हुई थी, तब आश्रम से अपनी बहन के यहां चली गई थी.

आरोपी ने कहा- मृतका ने की थी 3 जून को खुदखुशी
बता दें कि पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश कर 16 जून तक पुलिस रिमांड भी ले ली है. पुलिस के मुताबिक- मनोज ने ये बात कबूल की है कि दोनों में झगड़े हुआ करते थे. आरोपी ने पुलिस को बताया कि महिला ने 3 जून को खुदकुशी की थी.  उसने डर के मारे कि मैं कहीं फंस ना जाऊं इसलिए शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की. पुलिस का इस पर कहना है कि आरोपी इस तरह की कहानी सुनाते हैं, अभी भरोसा नहीं कर सकते सजांच की जा रही है. 

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पड़ोसी ने बदबू आने पर की थी पुलिस को शिकायत

मनोज के ठीक सामने रहने वाले पड़ोसी सोमेश श्रीवास्तव ने एनडीटीवी को बताया था कि दो तीन दिनों से उन्हे बदबू आ रही थी. सोमेश ने मनोज का दरवाजा भी खटखटाया था, लेकिन दरवाजा नहीं खुला. एक बार घर में स्प्रे मारने की आवाज भी आई, जिसके बाद सोमेश का शक गहरा गया.  यहां तक कि 7 जून को बिल्डिंग के नीचे मिलने पर जब सोमेश ने मनोज को बताया तो भी उसने नजरंदाज किया, जिसके बाद पुलिस को खबर कर दी गई. पुलिस ने आने के बाद फ्लैट खोला तो जो दिखा वो दिल दहला देने वाला था. घर में कटर मशीन थी, बेड में काला पालस्टिक बैग था, तीन बाल्टी में मांस के टुकड़े थे, जिसमें शरीर के अंगों को भी पहचानना मुश्किल था.

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राशन की दुकान में हुई थी दोनों की मुलाकात

आरोपी मनोज साने और मृतका सरस्वती वैद्य की मुलाकात दस साल पहले बोरीवली की राशन की दुकान में हुई थी, जहां मनोज काम किया करता था. मनोज ने आईटीआई की पढ़ाई की थी. सरस्वती अनाथ थी तो वहीं मनोज अपने घरवालों से अलग रह रहा था. 

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