असम से एक बहुत दर्दनाक मामला सामने आया है. पत्नी से गहरा प्रेम करने वाले एक वरिष्ठ आईपीएस ऑफिसर ने ऐसा कदम उठाया कि देखने और सुनने वाले सन्न हैं. गुवाहाटी के एक निजी अस्पताल के आईसीयू में असम के गृह सचिव की पत्नी ने कैंसर से जंग लड़ते हुए दम तोड़ दिया. इसके कुछ ही मिनटों बाद स्टाफ से उन्होंने पत्नी के शव के पास बैठक प्रार्थना करने के लिए प्राइवेसी की मांग की. जैसे ही सब बाहर गए उन्होंने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. इस दुखद घटना से हर कोई हैरान-परेशान सा है. बता दें कि 44 वर्षीय आईपीएस शिलादित्य चेतिया को राष्ट्रपति से वीरता पदक मिल चुका था.
आईसीयू कैबिन में खुद को मारी गोली
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, चेतिया की पत्नी अगामोनी बोरबरुआ (40) की मौत नेमकेयर अस्पताल में दोपहर को 4 बजकर 25 मिनट पर हुई थी. इसके 10 मिनट बाद चैतिया मेडिकल स्टाफ से थोड़ी प्राइवेसी की मांग करते हुए और ये बोलते हुए कि वो अपनी पत्नी के शव के पास बैठ कर उनके लिए प्रार्थना करना चाहते हैं उनके आईसीयू कैबिन में गए थे. इसके बाद मेडिकल स्टाफ वहां से बाहर चला गया और कुछ ही पल में सबको गोली चलने की आवाज सुनाई दी.
मैनेजिंग डायरेक्टर ने कही ये बात
नेमकेयर के मैनेजिंग डायरेक्टर हितेश बारुआ ने कहा, "हम जल्दी से आईसीयू कैबिन में भागे और हमने देखा कि वो अपनी पत्नी के शव के साथ लेटे हुए हैं और हमने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन हम उन्हें नहीं बचा पाए. उन्होंने खुद को गोली मार ली थी."
कपल ने 2013 में की थी शादी
हितेश ने कहा अगामोनी का पिछले दो महीनों से अस्पताल में इलाज चल रहा था. उन्होंने कहा, "तीन दिन पहले उनकी स्थिति बहुत बिगड़ गई थी. हमने उनकी इस स्थिति के बारे में चैतिया को समझा दिया था और वह समझ भी गए थे." कपल ने 12 मई 2013 को शादी की थी और दोनों का कोई बच्चा नहीं था.
राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त ने कही ये बात
असम के गृह एवं राजनीतिक सचिव शिलादित्य चेतिया, जिन्होंने अस्पताल में अपनी पत्नी के निधन के कुछ ही मिनटों बाद खुद को गोली मार ली थी, ने हाल ही में अपने जीवन में कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं का सामना किया है, जिसमें उनकी पत्नी की मृत्यु संभवतः सबसे निर्दयी आघात था, ऐसा असम पुलिस के पूर्व डीजीपी भास्करज्योति महंत ने कहा है, जो अब राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त हैं.
चेतिया को अपना छोटा भाई मानते थे महंत
महंत ने कहा, "वो मेरे छोटे भाई जैसे थे", जो इस हादसे की जानकारी मिलते ही अस्पताल पहुंचे. उन्होंने कहा, "उनकी जिंदगी में बहुत परेशानियां रही हैं... उन्होंने कुछ समय पहले ही अपनी मां और सासू मां को खो दिया था. वो अपनी पत्नी का ध्यान रख रहे थे और उनके इलाज के लिए चेन्नई में थे. मैं उनके संपर्क में था लेकिन मुझे इस बात का कोई अंदेशा नहीं था कि वो इस तरह का कदम उठा लेंगे."
डीजीपी जीपी सिंह ने एक्स पर दी इस घटना की जानकारी
डीजीपी जीपी सिंह ने चेतिया की मौत की जानकारी एक्स पर एक पोस्ट करते हुए दी. उन्होंने कहा, "दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम में शिलादित्य चेतिया, आईपीएस 2009 बैच गृह एवं राजनीतिक सचिव ने इस शाम को अपनी पत्नी की जो कैंसर से लड़ रही थीं कि मृत्यु की जानकारी मिलने के कुछ मिनट बाद अपनी जान ले ली. पूरा असम पुलिस परिवार इस समय शोक में है." चेतिया, जिनके पिता भी पुलिस अफसर थे ने तिनसुकिया, नलबाड़ी, कोकराझार और बारपेटा में पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य किया है.
2015 में चेतिया को पुलिस पदक से किया गया था सम्मानित
अपने साहस के लिए जाने जाने वाले, चेतिया ने आपराधिक और आतंकी संगठनों के खिलाफ कई अभियानों का नेतृत्व किया, जिसके लिए उन्हें 2015 में स्वतंत्रता दिवस पर वीरता के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक मिला था. अगामोनी भी कुछ कम नहीं थीं. परिवार के एक करीबी सूत्र ने बताया कि उन्होंने तेजपुर विश्वविद्यालय में अंग्रेजी और विदेशी भाषाओं का अध्ययन किया और टॉपर रहीं हैं.
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