'मामूली लक्षण, कोई भी अस्पताल में भर्ती नहीं' : ओमिक्रॉन वैरिएंट पर अलर्ट करने वाली डॉक्टर

दक्षिण अफ्रीका में इस वैरिएंट का पता चलने के बाद सबको आगाह करने वाली डॉक्टर डॉक्टर एंजलिक कोएट्जी ने का कहना है कि इस वैरिएंट से संक्रमित लोगों में अभी तक मामूली लक्षण मिले हैं.इसमें से कोई भी अस्पताल में भर्ती नहीं हुए हैं.

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ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर भारत ने भी सभी राज्यों को अलर्ट रहने को कहा गया है

नई दिल्ली:

दुनिया भर में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) को लेकर हड़कंप मचा हुआ है. लेकिन दक्षिण अफ्रीका में इस वैरिएंट का पता चलने के बाद सबको आगाह करने वाली डॉक्टर डॉक्टर एंजलिक कोएट्जी ने का कहना है कि इस वैरिएंट से संक्रमित लोगों में अभी तक मामूली लक्षण मिले हैं. इसमें से कोई भी अस्पताल में भर्ती नहीं हुए हैं. डॉक्टर का कहना है कि युवाओं में जो इस वैरिएंट के मामले मिले हैं, वो ज्यादा गंभीर नहीं हुए हैं. उन्हें ऑक्सीजन या आईसीयू की जरूरत नहीं है. ओमिक्रॉन वैरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था, लेकिन उससे संक्रमित मरीजों में अभी भी ऐसे लक्षण हैं, जो डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) के मामलों में मिले हैं. 

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एनडीटीवी से बातचीत में कोएट्जी ने कहा कि मामूली लक्षणों में थकावट और शरीर में दर्द की शिकायत ऐसे वैरिएंट से संक्रमित मरीजों में मिली हैं. लेकिन नाक बंद होने और तेज बुखार की शिकायतें नहीं मिली हैं. कोएट्जी साउथ अफ्रीकन मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को इस वैरिएंट को लेकर घबराना नहीं चाहिए. अगर किसी को भी संदेह है कि वे ओमिक्रॉन से संक्रमित हैं तो उसे तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क साधना चाहिए.

ये लक्षण भी धीरे-धीरे अपने आप ठीक हो जाते हैं. कोएट्जी ने कहा कि वो विश्वास के साथ कह सकती हैं कि ओमिक्रॉन डेल्टा वैरिएंट जितना ही संक्रामक है. उन्होंने कहा, हमें इस वैरिएंट के ज्यादा संक्रामक होने पर कोई संदेह नहीं है. लेकिन यह कहना मेरे लिए कठिन है कि यह डेल्टा से ज्यादा जानलेवा है. वैज्ञानिक इस बारे में ज्यादा बेहतर तरीके से बता सकते हैं. अभी तक ज्ञात तथ्य यही है कि यह ज्यादा संक्रामक है और बीटा वैरिएंट से ज्यादा. 

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उन्होंने कहा, हमें यह दो हफ्ते में पता चल जाएगा कि ये स्ट्रेन वैक्सीन इम्यूनिटी को भेद सकता है कि नहीं. क्या इससे दोबारा संक्रमण हो सकता और इसका इलाज कितना बेहतर है. फिलहाल ऐसे मामलों में ऑक्सीजन या आईसीयू की जरूरत नहीं पड़ी है. लेकिन जल्द ही हमें अंदाजा हो जाएगा कि कितने संक्रमित लोगों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ेगी.

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