कर्नाटक के चित्रदुर्ग में लिंगायत मुरुघा मठ के स्वामी शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू (Shivamurthy Murthy Murugha Sharanaru) के मामले में पुलिस ने सोमवार को चार्जशीट फाइल की है. इस दौरान पुलिस ने अपनी जांच को लेकर कई अहम खुलासे किए हैं. पुलिस के मुताबिक, मुरुघा शरणारू ने कथित तौर पर चित्रदुर्ग मुरुघा मठ में रहने वाली नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण करने से पहले उनको नशीला पदार्थ खिलाया था.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि बच्चियां को आरोपी स्वामी शिवमूर्ति मुरुघा के निजी कमरे की सफाई के लिए भेजा जाता था, जहां आरोपी उन्हें चॉकलेट या ड्रग्स मिला सेब देता था. इसे खाते ही बच्चियां बेहोश हो जाती थी, जिसके बाद वह उनके साथ कुकर्म करता था.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने NDTV को इस बात की पुष्टि की है कि कैसे मुरुघा मठ के छात्रावास में रहने वाली नाबालिग लड़कियों को नशीला पदार्थ दिया गया था. जैसे-जैसे मामला गहराता जा रहा है, जांच अधिकारियों ने कहा है कि इस मामले में और भी पीड़ित बच्चियां सामने आ सकती हैं और मुरुघा शरणारू के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकती हैं.
पुलिस को आरोपी स्वामी शिवमूर्ति मुरुघा द्वारा कई बुजुर्ग महिलाओं के साथ दुष्कर्म किए जाने की भी जानकारी मिली है. नाबालिग पीड़ितों में से एक को कथित तौर पर मार डाला गया था, लेकिन उसकी मौत की वजह एक हादसा बताया गया.
आरोपी स्वामी मुरुघा शरणारू के खिलाफ 26 अगस्त को पहला पॉक्सो और यौन अत्याचार का मामला दर्ज किया गया था. इसी तरह के प्रावधानों के तहत दूसरा मामला 13 अक्टूबर को दर्ज किया गया था. आरोपी स्वामी मुरुघा को 1 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, पीड़ितों को उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि को देखते हुए चुना गया था. पुलिस सूत्रों ने यह भी दावा किया कि अगर किसी लड़की ने उसके कमरे में जाने से इनकार किया तो उन्हें कैद कर लिया गया, भूखा रखा गया और कड़ी सजा दी गई.
चार्जशीट के मुताबिक, आरोपी स्वामी शिवमूर्ति मुरुघा अन्य अभियुक्तों को निर्देश देता था कि उसकी पसंद की नाबालिग लड़की को प्रतिदिन उसके निजी कमरे में विशेष आशीर्वाद लेने की आड़ में भेज दे. उसने कथित तौर पर एक रूटीन तय कर लिया था कि किस दिन उसके पास किस लड़की को भेजा जाए.
लड़कियों को घटना के बारे में खुलासा करने पर उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी जाती थी. मामले का दूसरा आरोपी, हॉस्टल वार्डन, स्थिति की निगरानी करता था और यह सुनिश्चित करता था कि किसी को भी उनके आसपास क्या हो रहा है, उसके बारे में संदेह न हो.