पुष्कर में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के अस्थि विसर्जन के अवसर पर हुई सभा में सचिन पायलट के कथित समर्थकों द्वारा मंच की ओर जूते फेंके जाने पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि ‘‘अगर मुझ पर जूता फिंकवाकर पायलट मुख्यमंत्री बनते हैं तो जल्द बन जाएं.'' इस मुद्दे को लेकर चांदना व विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ भी आमने-सामने आ गए और सोशल मीडिया पर दोनों में लंबा वाकयुद्ध चला.
उल्लेखनीय है कि सोमवार को पुष्कर में कर्नल बैंसला के अस्थि विसर्जन के अवसर पर हुई सभा में राज्य सरकार के मंत्रियों को लोगों का विरोध झेलना पड़ा. चांदना के संबोधन के दौरान कुछ लोगों ने मंच पर जूते भी उछाले. हालांकि, जनसभा में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट मौजूद नहीं थे.
जैसे ही उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, चांदना व अन्य कांग्रेस के अन्य नेता मंच पर पहुंचे, भीड़ में मौजूद पायलट के समर्थकों ने कार्यक्रम में उन्हें नहीं बुलाए जाने को लेकर हंगामा किया और कुछने मंच की ओर जूते उछाले.
गौरतलब है कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा. गुर्जर आंदोलन के दौरान पुलिस की गोली से मरे 70 से अधिक लोगों के परिवार के सदस्य भी मंच पर मौजूद थे.
घटना पर नाराजगी जताते हुए चांदना ने पायलट पर निशाना साधा, ‘‘मुझ पर जूता फिंकवाकर सचिन पायलट यदि मुख्यमंत्री बनेंगे तो जल्दी से बन जाएं, क्योंकि आज मेरा लड़ने का मन नहीं है. जिस दिन मैं लड़ने पर आ गया तो फिर एक ही बचेगा और यह मैं चाहता नहीं हूं.”
उल्लेखनीय है कि पायलट व चांदना दोनों ही गुर्जर समुदाय से आते हैं. पायलट की ओर से इस संबंध में अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
चांदना ने मंगलवार को हिंडोली में एक कार्यक्रम में इस घटना की ओर इशारा करते हुए अपने समर्थकों से विचलित नहीं होने को कहा. उन्होंने कहा, ‘‘पिछले एक दो दिन से कई घटनाक्रम पूरे राजस्थान में चल रहे हैं, आपको इसकी परवाह करने की जरूरत नहीं है. ये सब कीचड़ बाहर का है इसे बाहर ही रहने दो.''
वहीं इस मुद्दे को लेकर चांदना व भाजपा के वरिष्ठ नेता राठौड़ के बीच 'ट्विटर वार' मंगलवार को भी जारी रहा.
चांदना ने सोमवार की घटना के बाद पहला ट्वीट इसी को लेकर किया था. उन्होंने लिखा, ‘‘आज एक अद्भुत नजारा देखने को मिला. 72 शहीदों को मारने के आदेश देने वाले (तत्कालीन मंत्रिमंडल सदस्य) राजेंद्र राठौड़ साहब के मंच पर आने पर तालियां बजीं और जिनके परिवार के लोग आंदोलन में जेल गए, उन पर जूते फेंके गए.” गौरतलब है कि गुर्जर आंदोलन के दौरान राज्य में भाजपा की सरकार थी.
चांदना के इस ट्वीट पर राठौड़ ने जवाबी ट्वीट किया है, ‘‘दूसरों पर तोहमत लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखो, आखिर हुजूर यह हालत क्यों बनी? दूसरों की पकी हुई फसल को काटकर अगर अपने खेत पर ले जाओगे तो परिणाम ऐसे ही निकलेंगे. अभी तो आगे-आगे देखो होता है क्या.... .”
वहीं, इसके जवाब में मंगलवार को चांदना ने लिखा है, ‘‘क्या 2007 की गोलीकांड सरकार में आप मंत्री नहीं थे? आपकी उम्र और तजुर्बा मुझसे ज्यादा है, इसलिए टिप्पणी नहीं करूंगा. कल फूट की फसल को काटने कौन-कौन आया था, यह सबने देखा है.”
गौरतलब है राजस्थान में गुर्जर आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व करने वाले गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला का 31 मार्च को निधन हो गया था. उनकी अस्थियां सोमवार को राजस्थान के पुष्कर सरोवर में विसर्जित की गईं.
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