भारत-अमेरिका 'मिनी ट्रेड डील' पर बातचीत अंतिम दौर में, ट्रंप को लेना है आखिरी फैसला 

भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड एग्रीमेंट पर अगले कुछ ही दिनों में कोई बन सकती है.

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  • भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड समझौते पर अंतिम निर्णय जल्द ही होने की संभावना जिसमें भारत के मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल जाएंगे वाशिंगटन.
  • ट्रंप प्रशासन के टैरिफ बदलाव भारत को खनिज, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लास्टिक, फर्नीचर और सी-फूड सेक्टर में लाभ पहुंचा सकते हैं.
  • भारत को अमेरिकी बाजार के शीर्ष तीस श्रेणियों में से 22 में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे जुलाई मध्य तक मिनी ट्रेड डील की घोषणा संभव है.
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नई दिल्‍ली:

भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड एग्रीमेंट पर अगले कुछ ही दिनों में कोई बन सकती है. सूत्रों की तरफ से एनडीटीवी को जानकारी मिली है कि अमेरिका के साथ ट्रेड डील पर जारी बातचीत में भारत सरकार के मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल अगले कुछ दिन में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के साथ नए सिरे से बातचीत के लिए फिर अमेरिका जाने वाले हैं जबकि वाणिज्य मंत्रालय के कुछ अधिकारी पहले से ही अमेरिका में हैं. पिछले दिनों आई एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका, भारत पर टैरिफ दर को 20 फीसदी तक कम कर सकता है. सूत्रों की तरफ से कहा गया है कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस मुद्दे पर अंतिम फैसला लेना है. अब गेंद ट्रंप के पाले में है. 

किन सेक्‍टर्स में होगा भारत को फायदा  

सोमवार को नीति आयोग के मेंबर डॉक्‍टर अरविंद विरमानी ने 'Trade Watch Quarterly' रिपोर्ट जारी किया. नीति आयोग का आकलन है कि ट्रंप प्रशासन ने जिस तरह से दुनियाभर के देशों के खिलाफ टैरिफ रेट में बड़े बदलाव की प्रक्रिया शुरू की है, वह अमेरिकी बाजार में उत्पाद  और मात्रा दोनों ही दृष्टिकोण से भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है. 

नीति आयोग के मुताबिक भारत को 1265 अरब डॉलर के बाजार में खनिज एवं ईंधन, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लास्टिक, फर्नीचर और सी-फूड जैसे सेक्टर्स में काफी फायदा होने की उम्मीद है  क्योंकि इन सेक्टरों में चीन, कनाडा और मेक्सिको पर ट्रंप प्रशासन ने ज्‍यादा टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. 

भारत को 2285.2 अरब अमेरिकी डॉलर के बाजार आकार का प्रतिनिधित्व करने वाली शीर्ष 30 श्रेणियों में से 22 में प्रतिस्पर्धात्मकता हासिल होने की उम्मीद है. भारत और अमेरिका के बीच 'मिनी' ट्रेड डील की घोषणा जुलाई के मध्य तक हो सकती है. 

एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट में क्‍या 

वहीं इस मिनी ट्रेड डील की खबरों के बीच ही देश के सबसे बड़े बैंक - स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की रिसर्च यूनिट ने सोमवार को अपनी एक रिपोर्ट जारी की है. 'टैरिफ ट्रूस ऑन द होराइजन: इंडिया, अमेरिका सेट टू सील द ट्रेड डील' में दावा किया गया है कि 'भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर अंतिम फैसला आने वाले दिनों में लिया जाएगा, और मिनी व्यापार समझौते की घोषणा जुलाई के मध्य तक होने की संभावना है.' 

इस रिपोर्ट में कहा कि अमेरिका ने 23 देशों पर टैरिफ बढ़ाएं हैं. इनमें शामिल ज्‍यादातर एशियाई देशों पर अमेरिकी टैरिफ भारत से ज्‍यादा हैं. इससे भारत के लिए अमेरिका को अपना निर्यात बढ़ाने का मौका मिला है, खासकर उन वस्तुओं के निर्यात में जिनमें भारत को तुलनात्मक लाभ मिलता दिख रहा है. भारत खासतौर पर वस्‍त्र निर्यात सेक्टर में बांग्लादेश, कंबोडिया और इंडोनेशिया की अभी जो हिस्सेदारी है उसपर कब्‍जा कर सकता है.

जीडीपी में हो सकेगा इजाफा 

एसबीआई की रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि कपड़ों के सेक्टर में कुल अमेरिकी आयात में भारत से एक्सपोर्ट होने वाले कपड़ों के उत्‍पाद की हिस्सेदारी 6 फीसदी है. अगर भारत इन देशों से 5 फीसदी शेयर और हासिल कर लेता है तो वह अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 0.1 प्रतिशत  तक वृद्धि कर सकता है. एसबीआई रिसर्च ने दावा किया है कि भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील अगर किसी वजह से नहीं हो पाता है, और ट्रंप प्रशासन भारत पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने का ऐलान करता है, तब भी भारत के पास एक्सपोर्ट्स में विविधता लाने का विकल्प मौजूद हैं. 

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