लोकसभा चुनाव के नतीजों से गदगद महा विकास अघाड़ी ने विधान परिषद् चुनाव में अतिरिक्त उमीदवार उतारकर सत्ताधारी महायुति का टेंशन को बढ़ा ही है. साथ ही साथ चुनाव को और रोचक बना दिया है. दरअसल, मामला ये है कि उद्धव ठाकरे के निजी सचिव मिलिंद नार्वेकर ने विधान परिषद् चुनाव का परचा भर दिया है. यह चुनाव 12 जुलाई को होने जा रहा है.
कौन हैं मिलिंद नार्वेकर?
मिलिंद नार्वेकर शिवसेना (UBT) पार्टी के ना केवल सचिव है बल्कि पार्टी के एक अहम् राजनीतीकार भी मने जाते है. नार्वेकर के मैदान में उतरने से मामला इस लिए दिलचस्प हो गया है क्योंकि खाली सीटों की संख्या सिर्फ 11 है जबकि उन्हें मिलाकर कुल 12 प्रत्याशी हो गए है.
अब क्या होगा?
सीट से अधिक उमीदवार होने का मतलब है कि चुनाव होना तय है.चूंकि विधान परिषद् के चुनाव गुप्त मतदान के जरिये होना है इसलिए क्रॉस वोटिंग की भी आशंका बनी रहती है. कई मौकों पर ऐसा देखा गया है कि अतिरिक्त उम्मीदवार भी चुनाव जीत जाते हैं.
बीजेपी ने 5 प्रत्याशियों को उतारा है
बीजेपी ने चुनाव में 5 प्रत्याशी उतारे हैं. बीजेपी के पास विधायकों की संख्या को देखते हुए उनके सभी उमीदवारो की जीत तय मानी जा रही है. बीजेपी उम्मीदवारों में प्रमुख नाम पंकजा मुंडे का है, पंकजा मुंडे लोकसभा का चुनाव हार गई थीं. ऐसे में विधानपरिषद के जरिए उन्हें राजनीति में फिर से एंट्री करवाई जा रही है.
एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी ने भी दो-दो उमीदवार मैदान में उतरे है .शिंदे की शिवसेना के दो उमीदवार पार्टी के संख्या बल को देखते हुए जित सकते है लेकिन मुश्किल अजित पवार के लिए है उनका एक उमीदवार तो जित सकता है लेकिन दूसरे उमीदवार के लिए 4 वोट कम पड़ रहे है. ये तो सत्ताधारी गठबंधन महायुति के उमीदवारो की बात अब आइये बात करते है विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी के उमीदवारो की.
MVA के उम्मीदवार
MVA में सबसे बड़े दल कांग्रेस ने अपनी और से एक उमीदवार मैदान में उतरा है कांग्रेस के पास मौजूद विधायकों की संख्या को देखते हुए उसकी जीत तय मानी जा रही है. .कांग्रेस के पास अतिरिक्त 14 वोट है, जबकि शरद पवार की पार्टी ने पिसेंट एंड वर्कर्स पार्टी के उमीदवार जयंत पाटिल को समर्थन देते हुए अपना उमीदवार बनाया है. शरद पवार के पास 12 वोट है. इन्हें जीत के लिए 23 वोटो की जरुरत है. ऐसे में सवाल उठा रहा है कि कांग्रेस के अतिरित्क वोट उनके उमीदवार को मिलेंगे.
जीत के लिए 8 वोट चाहिए
वही उद्धव ठाकरे की शिवसेना के उमीदवार मिलिंद नार्वेकर के पास केवल 15 वोट है.नार्वेकर को अगर अपनी जीत सुनिश्चित करनी है तो 8 वोट जुटाने होने होंगे. अब देखना दिलचप होगा कि कांग्रेस के अतिरिक्त वोट शरद पवार के उमीदवार को मिलते है या उद्धव ठाकरे को मिलते है .
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद में महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है की शरद पवार और उद्धव ठाकरे के संपर्क में एकनाथ शिंदे और अजित पवार की पार्टयों के विधयक है.2022 विधान परिषद् चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई थी जिसके कारन MVA को झटका लगा था.उस समय किंग मेकर देवेंद्र फडणवीस बने थे लेकिन इस बार देखना दिलचप हो की क्या ठाकरे और पवार उस हार का बदला ले सकेंगे.