माइक्रोसॉफ्ट अपने वैश्विक नेटवर्क से जुड़े 15,000 से अधिक एम्प्लॉयर्स (नियोक्ताओं) और भागीदारों को मंत्रालय के National Career Service (राष्ट्रीय सेवा पंजीकरण) प्लेटफॉर्म पर लाएगा. दिल्ली में माइक्रोसॉफ्ट ने ये अहम ऐलान किया. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार एवं युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला की उपस्थिति में माइक्रोसॉफ्ट के साथ एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए.
श्रम मंत्रालय के मुताबिक यह सहयोग रोजगार संबंधों को विस्तारित करने, एआई-आधारित कौशल विकास (AI-led skilling) को बढ़ावा देने और भारत के वर्क फोर्स को वैश्विक अवसरों के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस साझेदारी की एक प्रमुख विशेषता माइक्रोसॉफ्ट की प्रतिबद्धता है कि वह अपने व्यापक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से 15,000 से अधिक नियोक्ताओं और भागीदारों को मंत्रालय के राष्ट्रीय कैरियर सेवा (एनसीएस) प्लेटफॉर्म पर आने के लिए प्रोत्साहित करेगी".
भारत सरकार का आंकलन है कि माइक्रोसॉफ्ट और श्रम और रोज़गार मंत्रालय के बीच इस समझौते से औपचारिक रोजगार (formal jobs) के अवसर बढ़ेंगे, तेज़ी से विकसित हो रहे सेक्टरों को समर्थन मिलेगा और भारत न केवल घरेलू मांग बल्कि वैश्विक स्तर पर भी कुशल कार्यबल (skilled workforce) को तैयार करने में सफल होगा. इससे अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी भारतीय पेशेवरों और युवाओं को रोज़गार के नए अवसर मिलेंगे.
माइक्रोसॉफ्ट ने मंगलवार को ये ऐलान किया था कि वह एशिया में अपना अब तक का सबसे बड़ा निवेश भारत में करेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने माइक्रोसॉफ्ट की इस घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि यह नवाचार और प्रौद्योगिकी में देश की बढ़ती भूमिका को रेखांकित करता है.प्रधानमंत्री ने माइक्रोसॉफ्ट के हेड सत्य नडेला के एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि जहां तक एआई का सवाल है, दुनिया भारत के प्रति आशावादी है! श्री सत्या नडेला के साथ बहुत उपयोगी चर्चा हुई. यह देखकर खुशी हुई कि माइक्रोसॉफ्ट एशिया में अपना अब तक का सबसे बड़ा निवेश भारत में करेगा. भारत के युवा इस अवसर का उपयोग; नवाचार करने और बेहतर दुनिया के लिए एआई की शक्ति का लाभ उठाने में करेंगे."













