15 जुलाई 2024 की तारीख को दुनिया डिजिटल भूकंप के लिए हमेशा याद रखेगी. भारत समेत दुनियाभर में शुक्रवार को एक बड़ा टेक्निकल ग्लिच देखा गया. सुबह करीब 11.30 बजे, जब दफ्तर के लोग अपने-अपने काम में मशगूल थे. अचानक से उनका कंप्यूटर और लैपटॉप बंद हो गया. दफ्तर या फिर वर्क फ्रॉम होम करने वालों की कंप्यूटर और लैपटॉप स्क्रीन अचानक नीली पड़ गई. इतना ही नहीं जो लोग एक शहर से दूसरे शहर या यूं कहें कि एक देश से दूसरे देश जाने के लिए घर से निकले थे, उनको भी काफी परेशानी झेलनी पड़ी, क्यों कि उनकी फ्लाइट्स कैंसिल हो गईं. देखते ही देखते ये खबर मीडिया की सुर्खियां बन गई.15 घंटे तक माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) की सर्विस ठप रही. हालांकि कई जगहों पर शनिवार को भी हवाई सेवा सामान्य नहीं हो सकी है.चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बाहर लोगों की कतारें आज भी देखी जा सकती हैं. आज भी सेवाएं ठप हैं. जैसे ही ये परेशानी शुरू हुई हर किसी की जुबान पर पर बस एक ही बात थी कि आखिर ये क्या हुआ.
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माइक्रोसॉफ्ट की वजह से क्या-क्या हुआ?
इस आईटी आउटेज की वजह से न सिर्फ एयरलाइंस बल्कि हेल्थकेयर, फाइनेंशियल मार्केट और माइक्रोसॉफ्ट कंप्यूटर चलाने वाली सरकारी एजेंसियों समेत लगभर हर एक बिजनेस प्रभावित हुआ. कई फ्लाइट्स लेट हो गई और कई तो रद्द हो गईं. बैंक पैसा रिलीज नहीं कर पा रहे थे. रिटेलर्स को अपनी दुकानें बंद करनी पड़ीं. कई लोग सिर्फ नकदी का लेनदेन ही कर पा रहे थे. इस एक आईटी ग्लिच ने दुनियाभर के लोगों पर बड़ा असर डाला. सबसे ज्यादा परेशानी बैंकों, हवाई अड्डों और ट्रांसपोर्ट को झेलनी पड़ी.
क्यो बंद हो गए कंप्यूटर और रुक गईं फ्लाइट्स?
ऑस्ट्रेलिया से लेकर अमेरिका, ब्रिटेन और भारत तक के हवाईअड्डों पर अजीबोगरीब स्थिति देखी गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई जगहों पर आवागमन अब तक सामान्य नहीं हो सका है. पहले ये खबर सामने आई थी कि ये कोई साइबर अटैक है, जिसकी वजह से परेशानी हो रही है. लेकिन आपको बता दें कि दुनियाभर को ये दिक्कत किसी साइबर अटैक की वजह से नहीं झेलनी पड़ी बल्कि इसकी वजह अमेरिकी साइबर सुरक्षा कंपनी क्राउडस्ट्राइक के नियमित सॉफ्टवेयर अपडेट थी. पता चला कि ये दिक्कत माइक्रोसॉफ्ट के Crowdstrike अपडेशन की वजह से हुई है.
क्या है Crowdstrike?
यह एक साइबर सिक्योरिटी फर्म है, जो माइक्रोसॉफ्ट के लिए काम करती है. क्राउड स्ट्राइक का सॉफ्टवेयर, फाल्कन सेंसर, कंप्यूटर सिस्टम को साइबर अटैक से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ऐसे समझ लीजिए कंपनी इंटरनेट की मदद से जो भी काम करती है उसे हैकर्स से बचाने के लिए CrowdStrike उनकी मदद करता है. इसी के सॉक्टवेयर अपडेट की वजह से शुक्रवार को दुनियाभर में संकट खड़ा हो गया.
क्यों नीली पड़ गई कंप्यूटर्स की स्कीन?
माइक्रोसॉफ्ट का क्राउड कंप्यूटिंग सर्वर बंद होने की वजह से IT सिस्टम, लैपटॉप और कंप्यूटर बंद हो गए और उनकी स्क्रीन नीली पड़ गई. Blue स्क्रीन को Blue Screen Of Death भी कहा जाता है. इसमें ब्राउजर सिस्टम क्रैश होने पर कंप्यूटर खुद ही Restart मोड में चला जाता है. इस मौत के समान ही माना जाता है. शुक्रवार को दुनियाभर में यही हुआ था. हालांकि कुछ ही घंटों के भीतर Microsoft और CrowdStrike ने इस समस्या की पहचान कर उसे ठीक भी कर लिया.