'माधुरी दीक्षित के दीवाने नहीं थे एम एफ हुसैन, बस पब्लिसिटी का था खेल', भतीजे फिदा हुसैन का दावा

माधुरी दीक्षित के बारे में बात करते हुए फिदा ने कहा कि, "असल में माधुरी, हुसैन की एक सोची-समझी मार्केटिंग स्ट्रैटेजी का हिस्सा थीं. हुसैन साहब जानते थे कि माधुरी की शोहरत उनकी कला को घर-घर तक पहुंचा सकती है."

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नई दिल्ली:

मशहूर पेंटर मकबूल फिदा हुसैन को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. दशकों से यह माना जाता रहा कि हुसैन, बॉलीवुड अभिनेत्री माधुरी दीक्षित के दीवाने थे और उनके प्रति गहरा लगाव रखते थे. कहा जाता था कि माधुरी का नशा हुसैन पर इस कदर छाया था कि मकबूल फिदा हुसैन ने माधुरी की एक फिल्म 67 बार देख डाली. वहीं दिल नहीं भरा तो खुद माधुरी को लेकर एक फिल्म बना दी. लेकिन अब उनके भतीजे फिदा हुसैन ने इस धारणा को सिरे से खारिज किया है.  

'माधुरी, हुसैन की एक सोची-समझी मार्केटिंग स्ट्रैटेजी का हिस्सा'

माधुरी दीक्षित के बारे में बात करते हुए फिदा ने कहा कि, "असल में माधुरी, हुसैन की एक सोची-समझी मार्केटिंग स्ट्रैटेजी का हिस्सा थीं. हुसैन साहब जानते थे कि माधुरी की शोहरत उनकी कला को घर-घर तक पहुंचा सकती है. गजगामिनी फिल्म और माधुरी पर बनाई गई पेंटिंग्स असल में एक पब्लिसिटी मास्टरस्ट्रोक थी, न कि कोई निजी दीवानगी." 

एम एफ हुसैन का 'लाव्ह वा कलम' नाम का म्यूजियम खुल रहा

आने वाले दिनों में एम एफ हुसैन को समर्पित, दुनिया का पहला और सबसे भव्य 'लाव्ह वा कलम' नाम का म्यूजियम कतर की राजधानी दोहा में खुलने जा रहा है. इसमें 1950 से लेकर 2011 तक के हुसैन के भारत से लेकर दुनिया भर के सफर को दिखाया जाएगा. इस म्यूजियम की कल्पना और डिजाइनिंग में खुद हुसैन शामिल थे. फिदा हुसैन ने इसकी पुष्टि की और खुशी जताते हुए पत्रकार मयूरी डोंगरे के साथ एक पॉडकास्ट में कई और खुलासे किए हैं.   

फिदा ने याद दिलाया कि हुसैन का सफर महाराष्ट्र के पंढरपुर के एक छोटे से गांव से शुरू हुआ था. वहीं से निकलकर उन्होंने विश्व स्तर पर नाम कमाया और आर्ट जगत में अपनी अलग पहचान बनाई. एक बेहतरीन कलाकार होने के साथ उनकी दुनियावी समझ ने उन्हें इस मुकाम पर पहुंचाया. 

विवादों से रहा पुराना नाता

हुसैन जहां गए, वहां खबरों और विवादों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा. कभी बिना चप्पल घूमने की आदत तो कभी विवादित पेंटिंग्स. लेकिन एक समय ऐसा आया जब विवाद गले की हड्डी बन गया. विरोध इस कदर बढ़ा कि देश भर में  दर्ज 1200 मुकदमे, जान से मारने की धमकियों ने आखिर 2006 में उन्हें देश से भाग निकलने को मजबूर कर दिया. फिदा ने कहा कि यह फैसला हुसैन को आखिरी दिन तक चुभता रहा. 90 की उम्र में कतर की नागरिकता लेते वक्त उनकी आंख में आंसू थे.

हुसैन की एक कलाकृति 118 करोड़ रुपये में बिकी

आज एम एफ हुसैन की पेंटिंग्स भारत के कलाकारों में सबसे महंगी बिकती हैं. हाल ही में उनकी एक कलाकृति 118 करोड़ रुपये में बिकी. इसके बावजूद भारत में एक तबका आज भी विवादित देवी-देवताओं की पेंटिंग्स को लेकर उनसे गुस्सा है. इस पर फिदा ने कहा,"लोगों की भावनाओं को आहत करना कभी हुसैन का मकसद नहीं था. वे इस पर माफी भी मांग चुके थे और मैं भी उनकी ओर से दोबारा माफी मांगता हूं."  

पॉडकास्ट में फिदा हुसैन ने एम एफ हुसैन से जुड़ी कंट्रोवर्सी, कई अनसुनी बातें और दिलचस्प किस्से सुनाए हैं. यह पूरी बातचीत आप यूट्यूब चैनल 'Two by Sixteen Films' पर देख सकते हैं.

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