मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Meghalaya Governor Satya Pal Malik ) ने कहा कि जब वह जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के राज्यपाल थे तब कोई भी आतंकवादी (Terrorists) श्रीनगर (Sri Nagar) की 50-100 किलोमीटर की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. मलिक ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान श्रीनगर की 50-100 किलोमीटर की सीमा में कोई भी आतंकवादी प्रवेश नहीं कर सकता था, लेकिन अब श्रीनगर में आतंकवादी गरीब लोगों को मार रहे हैं, यह दुखद है."
मलिक अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे. उनके कार्यकाल के दौरान ही अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और क्षेत्र को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का निर्णय लिया गया था.
उन्होंने नवंबर 2019 से 18 अगस्त 2020 तक गोवा के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया. मलिक ने 20 अगस्त, 2020 को मेघालय के राज्यपाल के रूप में शपथ ली.
हालिया दिनों में जम्मू कश्मीर में नागरिकों, विशेष रूप से कई गैर कश्मीरी लोगों की हत्याएं हुई हैं. रविवार को कुलगाम के वानपोह इलाके में आतंकियों की अंधाधुंध फायरिंग में दो प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई थी.
इससे पहले शुक्रवार को बिहार के एक गोलगप्पे बेचने वाले और उत्तर प्रदेश के एक बढ़ई की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
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