पाकिस्‍तान का कंगाली में आटा गीला, महंगाई के साथ बढ़ रहा आतंकवाद, US की रिपोर्ट में खुलासा

पाकिस्‍तान पर अमेरिका की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों ने ज्यादातर बलूचिस्तान और सिंध प्रांत को टारगेट किया है.

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पाकिस्‍तान दावे बड़े-बड़े करता है, लेकिन इसके परिणाम नजर नहीं आते(प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्‍ली:

पाकिस्‍तान के हालात इस समय 'कंगाली में आटा गीला' वाले हो गए हैं. आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे पाकिस्‍तान पर पिछले कुछ सालों से दोहरी मार पड़ रही है. एक तरफ देश में महंगाई आसमान छू रही है, दूसरी तरफ आतंकवाद भी बढ़ रहा है. यूएस ब्यूरो ऑफ काउंटरटेरिज्म की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्‍तान में आतंकवाद के खिलाफ मंद गति से कार्रवाई हुई है. अब ऐसा ही रहा, तो पाकिस्‍तान बर्बादी की उस राह पर बहुत आगे निकल जाएगा, जहां से लौटना बेहद मुश्किल होगा. अमेरिका की इस रिपोर्ट ने पाकिस्‍तान की चिंता बढ़ा दी हैं. 

आतंकियों को की सुरक्षित पनाहगाह...
यूएस ब्यूरो ऑफ काउंटरटेरिज्म की रिपोर्ट कहती है कि आतंकवाद को खत्‍म करने के लिए पाकिस्तान में चलाए जा रहे अभियान की गति संतोषजनक नहीं है. साल 2020 के मुकाबले पाकिस्तान में 2021 में आतंकी घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. पाकिस्‍तान पर हमेशा आतंक को बढ़ावा देने और आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह उपलब्‍ध कराने का आरोप लगता रहा है. इस वजह से अमेरिका समेत कई देशों ने पाकिस्‍तान पर प्रतिबंध भी लगाए हैं. हालांकि, इसके बावजूद पाकिस्‍तान में आंतकियों पर नकेल कसती नजर नहीं आती है. हां, पाकिस्‍तान दावे बड़े-बड़े करता है, लेकिन इसके परिणाम नजर नहीं आते हैं.   

रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे 
अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने पाकिस्‍तान पर आतंकियों को समर्थन करने का आरोप लगाते हुए कई ट्वीट किए थे. यह पहला ऐसा मौका था, जब अमेरिका ने पाकिस्‍तान को ऐसे मंच पर फटकार लगाई थी. इस बार अमेरिकी रिपोर्ट भी कुछ यही हकीकत बयां करती है. इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान में हमले करने वाले प्रमुख आतंकवादी संगठनों में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और आईएसआईएस-के शामिल हैं. आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अपनी 2015 की राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी) को भी पाकिस्‍तान ने संशोधित कर दिया. 

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बढ़े रहे हमले, टारगेट पर बलूचिस्तान और सिंध प्रांत 
अमेरिका की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों ने ज्यादातर बलूचिस्तान और सिंध प्रांत को टारगेट किया है. यहां आतंकवादियों द्वारा आत्मघाती बम विस्फोट और लक्षित हत्याएं बहुत ज्‍यादा हुईं. पाकिस्‍तान के हालात पर दुनियाभर के देशों की नजर बनी हुई है. यही वजह है कि पाकिस्तान को कई सालों तक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत विशेष चिंता का देश (CPC) नामित किया गया. वहीं, फाइनेंशियल एक्‍शन टास्‍क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को 2018 में ग्रे सूची में डाला था और उसके फंड रोक दिए.  चार साल पाकिस्तान इस सूची में बना रहा. 

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बलूचिस्तान प्रांत में हुए विस्फोट में चार लोगों की मौत
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बीते रविवार को भी एक बाजार बम विस्‍फोट हुआ. विस्फोट में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 अन्य घायल हो गए. बरखान के उपायुक्त अब्दुल्ला खोसो ने ‘डॉन' समाचार पत्र से कहा कि धमाका राखनी बाजार इलाके में मोटरसाइकिल में लगा इंप्रोवाइज्ड एक्स्प्लोसिव डिवाइस (आईईडी) फटने से हुआ. बरखान के थाना प्रभारी सज्जाद अफजाल ने कहा कि घायलों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है. अधिकारी ने कहा कि पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है और आगे की जांच के लिए इलाके की घेराबंदी की गई है. बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर अब्दुल कुदूस बिजेन्जो ने विस्फोट की निंदा की और अधिकारियों को दोषियों को गिरफ्तार करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया.

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