MCD स्टैंडिंग कमेटी चुनाव : आखिर क्यों अहम था 'एक वोट', जिसके लिए AAP-BJP पार्षदों में चले लात-घूंसे?

एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव अब रद्द कर दिया गया है. शैली ओबेरॉय ने कहा कि BJP पार्षदों ने सारे बैलट पेपर फाड़ दिया, इसलिए दोबारा चुनाव 27 फरवरी को कराये जाएंगे.

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बीजेपी ने मेयर के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने का फैसला किया है.

नई दिल्ली:

दिल्ली में एमसीडी के सदन में शुक्रवार को फिर ज़बरदस्त मारपीट हुई. स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव के वोटों की गिनती चल रही थी, तभी बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के बीच हाथापाई हो गई. पार्षद एक दूसरे को पिटते हुए दिखे. टेबल पर चढ़कर जमकर मारपीट करते दिखे. एक वोट के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ.  इस दौरान माइक तोड़े गए, बाल खींचे गए, थप्पड़ मारे गए. तिलक नगर के एक पार्षद की तो इस हंगामे में तबीयत खराब हो गई. महिला पार्षद एक-दूसरे के बाल खींचते दिखी. पुलिस को सदन में आना पड़ा और पार्षदों को रोकने की कोशिश की.

शुक्रवार सुबह से एमसीडी में स्टैंडिंग कमेटी को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच टकराव जारी था, जो शाम होते-होते मारपीट में बदल गया.

अब सवाल यह है कि यह पूरा हंगामा केवल एक वोट को लेकर हुआ. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर वो 'एक वोट' क्यों जरूरी है?

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भाजपा के लिए यह एक अहम वोट है, जो उम्मीदवार के भाग्य का फैसला कर सकता है. बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के मेयर पर जानबूझ कर वोट अवैध घोषित करने का आरोप लगाया है.

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एक भाजपा पार्षद ने NDTV को बताया, "वे जानबूझ कर ऐसा कर रहे हैं. निगम सचिव कह रहे हैं कि यह वो अवैध नहीं है लेकिन वे उनकी बात नहीं सुन रहे हैं. यह वोट उनके उम्मीदवार को जीतने में मदद करेगा और हमारा हार जाएगा. यह लड़ाई का मूल कारण है."

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एनडीटीवी से बात करते हुए भाजपा की एक अन्य महिला पार्षद ने कहा, "भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों को तीन-तीन सीटें मिली थी. लेकिन एक वोट को अवैध घोषित कर दिया गया, ये हक उन्हें किसने दिया? चुनाव आयोग की टेक्निकल टीम ने रूल बुक भी दिखाई, लेकिन उसे बंद कर दिया गया. निगम सचिव ने कहा कि आप गलत कर रही हैं, यह वोट वैध है. इस पर मेयर ने कहा कि आप साइड में बैठिए, यहां मेरा निर्देश चलेगा. कमिश्नर को भी मना कर दिया गया. कभी कहती हैं कि मैं दोबारा गिनती कराऊंगी. जब आप लोगों ने काउंटिंग की है तो इसका मतलब यह है कि वह काउंटिंग के दौरान धांधली करना चाहती हैं."

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वहीं, आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी मार्लेना भाजपा के तीन सीटें जीतने के दावे पर कहा, "एमसीडी के किसी भी चुनाव में आखिरी फैसला पीठासीन अधिकारी का होता है. एक वोट के वैध या अवैध होने पर विवाद हुआ. इस वोट को मेयर ने अवैध घोषित कर दिया. लेकिन भाजपा दोबारा गिनती के लिए भी तैयार नहीं हुई. मेयर ने खुद दोबारा से गिनती को सुझाव दिया था. जब दोबारा गिनीती के लिए तैयार नहीं हुए तो मेयर ने दोबारा से गणना का फैसला किया. चुनाव आयोग की टीम दोबारा से गणना कर रही थी. इस दौरान जब भाजपा को पता चला कि वे हार रहे हैं तो उन्होंने सदन में हंगामा कर दिया."

भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता का कहना है, "झूठ बोलना इनकी आदत है. तीन भाजपा और तीन आम आदमी पार्टी के पार्षद जीते थे. ये बेइमानी करके उन्हें चार करना चाहते हैं. जो हम होने नहीं देंगे. हम चाहते हैं कि यह जो गंभीर स्थिति पैदा हो गई है, उसमें तुरंत कोर्ट को संज्ञान लेने की जरूरत है."

रद्द किया गया चुनाव
एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव अब रद्द कर दिया गया है. शैली ओबेरॉय ने कहा कि BJP पार्षदों ने सारे बैलट पेपर फाड़ दिया, इसलिए दोबारा चुनाव 27 फरवरी को कराये जाएंगे. 

साथ ही मेयर ने कहा कि BJP की शर्तों को मानकर हमने चुनाव शुरू किया, लेकिन हारते देख BJP ने हंगामा कर दिया. BJP के पार्षद रवि नेगी, चंदन चौधरी और मारवाह ने मेरी कुर्सी खींची, मुझ पर हमला कर दिया. 

वहीं, बीजेपी ने मेयर के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने का फैसला किया है. भाजपा का कहना है कि चुनाव आयोग की कमेटी ने जब चुनाव की रिपोर्ट मेयर को दे दी तो मेयर को चुनाव स्थगित करने का अधिकार नहीं है. 

क्या कहता है MCD का अंकगणित?
एमसीडी में 250 सीटें हैं. बहुमत 126 पर होता है. आम आदमी पार्टी के पास 134 सीटें हैं, बीजेपी के पास 104 और कांग्रेस के पास 9 सीटें हैं. गौर करने वाली बात यह है कि एमसीडी में दल-बदल क़ानून लागू नहीं होता.

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