मायावती ने सपा सांसद के घर पर हमले की तुलना में गेस्ट हाउस कांड से की, अखिलेश यादव से की यह मांग

बसपा प्रमुख मायावती ने एक बार फिर लखनऊ में दो जून 1995 के गेस्ट हाउस कांड को याद किया है. उन्होंने आगरा में सपा सांसद रामजीलाल सुमन घर पर हुए हमले की तुलना गेस्ट हाउस कांड से की है. उन्होंने सपा पर दलित नेताओं को आगे कर राजनीति करने का आरोप लगाया है.

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लखनऊ:

बसपा सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला है.मायावती ने आरोप लगाया है कि सपा अपने राजनीतिक लाभ के लिए दलित नेताओं का इस्तेमाल कर रही है. उनका कहना है कि सपा दलित नेताओं को आगे करके अपनी राजनीति चमकाने में जुटी है.

मायावती ने आगरा की घटना की तुलना दो जून 1995 के लखनऊ गेस्ट हाउस कांड से की है.उन्होंने कहा है कि उस समय सपा की सरकार में उनके ऊपर जानलेवा हमला हुआ था, जिसे अब याद किया जाना चाहिए और अखिलेश यादव को उसका पश्चाताप भी करना चाहिए. 

सपा सांसद के घर पर करणी सेना का हमला

बसपा प्रमुख ने इस घटना का जिक्र तब किया, जब बीते बुधवार को आगरा में समाजवादी पार्टी के राज्य सभा सांसद रामजीलाल  समुन के घर पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था.इस घटना को समाजवादी पार्टी के नेता दलित समाज पर हमला बताने की कोशिश कर रहे हैं. इस हमले के बाद से देश में इस पर राजनीति शुरू हो गई है. 

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करणी सेना के सदस्य रामजीलाल सुमन की एक टिप्पणी से नाराज थे. सुमन ने यह टिप्पणी राज्य सभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर हुई चर्चा के दौरान की थी. उन्होंने राजपूत शासक राणा सांगा को गद्दार बता दिया था. 

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लखनऊ का गेस्ट हाउस कांड

वहीं मायावती दो जून 1995 की जिस घटना का जिक्र कर रही हैं,वह लखनऊ में घटी थी. उस समय उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन की सरकार थी.सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे. किसी बात से नाराज होकर बसपा ने इस सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का फैसला किया था. मायावती अपने समर्थकों के साथ लखनऊ के स्टेट गेस्ट हाउस में बैठक कर रही थीं. इसकी भनक जब सपा को लगी तो उसके कुछ विधायक और अन्य नेता वहां पहुंच गए. उन्होंने मायावती और अन्य बसपा नेताओं पर हमले की कोशिश की. वहीं मायावती के समर्थन में वहां कुछ बीजेपी नेता पहुंच गए थे.इसके बाद से मुलायम सिंह यादव की सरकार गिर गई थी.यह घटना यूपी की राजनीति में गेस्ट हाउस कांड के नाम से मशहूर है. 

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साल 1995 में जुदा हुईं सपा और बसपा की राहें 2019 के लोकसभा चुनाव में एक हुईं. दोनों ने मिलकर चुनाव लड़ा. लेकिन कोई सफलता नहीं मिली थी. इस चुनाव में बसपा ने 10 तो सपा ने पांच सीटें जीती थीं. चुनाव के बाद बसपा ने सपा से अपना गठबंधन तोड़ लिया था. इससे पहले मायावती ने मुलायम सिंह यादव और अन्य पर गेस्ट हाउस कांड में दर्ज मुकदमे को वापस ले लिया था. 

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