लोकसभा सांसद दानिश अली (Danish Ali) को मायावती (Mayawati) के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) से निकाल दिया गया है. बसपा ने दानिश अली पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाया है. बसपा ने एक बयान में कहा, "आपको पार्टी की नीतियों, विचारधारा और अनुशासन के खिलाफ बयान या कार्रवाई के खिलाफ कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद आप लगातार पार्टी के खिलाफ काम कर रहे हैं." हालांकि अमरोहा से सांसद अली ने पार्टी की ओर से लगाए गए आरोपों से इनकार किया है और कहा कि उन्होंने कभी भी किसी भी तरह का पार्टी विरोधी काम नहीं किया है. बता दें कि निकाले जाने के बाद भी एक सांसद पार्टी व्हिप से बंधा होता है.
दानिश अली ने कहा, "मैंने पूरी लगन से बसपा को मजबूत करने का प्रयास किया है और कभी भी किसी भी तरह का पार्टी विरोधी काम नहीं किया है. मेरे अमरोहा क्षेत्र की जनता इसकी गवाह है. मैंने भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध जरूर किया है और करता रहूंगा. अगर ऐसा करना अपराध है, तो मैंने अपराध किया है और मैं इसके लिए कोई भी सजा भुगतने के लिए तैयार हूं.''
दानिश अली ने उन्हें लोकसभा टिकट देने के लिए मायावती को धन्यवाद दिया है. साथ ही इस बात पर जोर दिया कि उनके खिलाफ पार्टी का फैसला "दुर्भाग्यपूर्ण" है.
भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा संसद में उनके खिलाफ सांप्रदायिक अपशब्दों का इस्तेमाल करने के बाद दानिश अली ने कई बड़े विपक्षी नेताओं से मुलाकात की थी. उन्होंने लोकसभा से निष्कासित तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा के लिए न्याय की मांग करने के लिए कल संसद के बाहर अकेले विरोध प्रदर्शन भी किया था.
अमरोहा के सांसद को गले में एक तख्ती लटकाए हुए देखा गया, जिस पर लिखा था, "पीड़ित को अपराधी मत बनाओ."
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा ने दानिश अली को पत्र लिखकर निलंबन की सूचना दी. मिश्रा ने पत्र में लिखा कि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के अनुरोध पर आपको अमरोहा से बीएसपी के प्रत्याशी के रूप में टिकट दिया गया था. देवेगौड़ा ने आश्वासन दिया था कि आप बसपा का टिकट मिलने के बाद पार्टी की सभी नीतियों और निर्देशों का पालन करेंगे और पार्टी हित में काम करेंगे. आपने उनके समक्ष इसे दोहराया भी था, लेकिन उन आश्वासनों को भूलकर आप पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं.
हाल ही में बसपा सांसद दानिश अली उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब ‘चंद्रयान-3' की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां' विषय पर लोकसभा में चर्चा के दौरान 21 सितंबर को भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने अली के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था. इसके बाद, खुद दानिश अली के साथ ही लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सांसद सुप्रिया सुले, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अपरूपा पोद्दार, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की कनिमोई और विपक्ष के कई अन्य सदस्यों ने सदन के अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. इन सांसदों ने मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का भी आग्रह किया था.
बिधूड़ी ने अली को कहे शब्दों पर जताया था खेदइस मामले में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने बीएसपी सांसद दानिश अली को कहे गए शब्दों के लिए खेद जताया था. गुरुवार को लोकसभा की विशेषाधिकार समिति की बैठक हुई जिसमें दानिश अली और रमेश बिधूड़ी ने समिति के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखा था.
JDS के साथ शुरू की थी राजनीतिक यात्राजनता दल (सेक्युलर) के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाले दानिश अली 2019 में जद (एस) प्रमुख और पूर्व प्रधान मंत्री एचडी देवेगौड़ा की सहमति से बसपा में शामिल हो गए थे. छह दिन बाद 2019 के आम चुनाव के लिए अमरोहा निर्वाचन क्षेत्र से उनके नाम की घोषणा की गई. उन्होंने भाजपा के कंवर सिंह तंवर को लगभग 63,000 वोटों के अंतर से हराकर सीट जीती थी.
ये भी पढ़ें :
* "संसदीय मर्यादा तार-तार हो गई, जब रमेश बिधूड़ी ने..." : महुआ मोहत्रा के निष्कासन पर BSP सांसद दानिश अली
* BJP सांसद रमेश बिधूड़ी ने बसपा सांसद के खिलाफ टिप्पणी के लिए खेद जताया
* ''मुझे पीड़ित से आरोपी बनाने की कोशिश'': BSP सांसद दानिश अली ने स्पीकर को लिखी चिट्ठी