विशाखापत्तनम: क्या यू-ट्यूबर के झगड़े की वजह से फिशिंग हार्बर में भड़की आग? 35 नावें हुईं खाक

आंध्र प्रदेश के विजाग पोर्ट ट्रस्ट के एक बंदरगाह पर भीषण आग लगने से यहां खड़ी 35 मैकेनाइज्ड मछली पकड़ने वाली नाव जलकर राख हो गईं. हर नाव की कीमत 15 लाख रुपये है. इससे नुकसान की कुल राशि लगभग 5 करोड़ बैठती है.

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आग लगने की शुरुआत रविवार देर रात हुई, जो सोमवार तड़के तक जारी रही है.
हैदराबाद:

आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में सोमवार (20 नवंबर) को बड़ा हादसा हुआ. विजाग पोर्ट ट्रस्ट के एक बंदरगाह (Visakhapatnam Fishing Harbour)पर भीषण आग लगने से यहां खड़ी 35 मैकेनाइज्ड मछली पकड़ने वाली नाव जलकर राख हो गईं. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, ऐसा बताया जा रहा है कि एक यू-ट्यूबर (You-Tuber)की कुछ लोगों से हुई लड़ाई के कारण बंदरगाह पर आग भड़की. अब पुलिस आग लगने के कारणों की तह तक जाने के लिए इस यू-ट्यूबर से भी पूछताछ कर रही है.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस यू-ट्यूबर ने बंदरगाह से मछली पकड़ने का वीडियो बनाया था, जिसपर अच्छा-खासा रिस्पॉन्स आया था. पुलिस सूत्रों ने कहा है कि यू-ट्यूबर का पैसों के विवाद को लेकर कुछ लोगों से झगड़ा हुआ था. यह संभव है कि उसके प्रतिद्वंद्वियों ने बंदरगाह पर खड़ी उसकी नाव पर आग लगा दी हो. आग लगने की शुरुआत रविवार देर रात हुई, जो सोमवार तड़के तक जारी रही है. इस पूरी घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें नावों को जलते हुए देखा जा सकता है. 

बंदरगाह पर मौजूद स्थानीय मछुआरों ने आग लगने के बाद तुरंत स्थानीय पुलिस को फोन किया और घटना की जानकारी दी. मछुआरों ने बताया कि आग लगने की शुरुआत एक नाव से हुई, जो देखते ही देखते अन्य नावों तक फैल गई. आग इतनी तेजी से इसलिए फैली, क्योंकि जिस नाव पर आग लगी, उसके आस-पास अन्य नावों ने लंगर डाला हुआ था. इसने आग को तेजी से फैलने में मदद की. ज्यादातर नावें लकड़ी से बनी हैं या फिर उनमें प्लास्टिक था, जिससे आग और फैली.

नाव में पार्टी कर रहे थे कुछ लोग
विशाखापत्तनम के एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर रवि शंकर ने बताया कि सबसे पहले जिस नाव में आग लगी, वहां कुछ बच्चे देर रात मौजूद थे. शायद वे पार्टी कर रहे थे. इसी दौरान कुछ नाविक आ गए और नाव के लंगर को हटाकर उसे समुद्र में ही जाने दिया. हालांकि, नाव के टैंक में डीजल भरा था और गैस सिलेंडर रखे थे. इसलिए इस नाव की आग भड़क उठी. देखते ही देखते इसने दूसरी नावों को अपनी चपेट में ले लिया.

एक नाव की कीमत करीब 15 लाख रुपये
स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, हर नाव की कीमत 15 लाख रुपये है. इससे नुकसान की कुल राशि लगभग 5 करोड़ बैठती है. इनमें से ज्यादातर मछुआरों ने अपनी नावों का इंश्योरेंस नहीं करा रखा था. 

क्या कहती है पुलिस?
विशाखापत्तनम के पुलिस कमिश्नर रविशंकर ने कहा है कि घटना की तह तक जाने के लिए कई पहलुओं से जांच की जा रही है. मछली पकड़ने का बंदरगाह विजाग पोर्ट ट्रस्ट का है. इसलिए जांच में बंदरगाह, मत्स्य पालन और पुलिस अधिकारी शामिल होंगे.

तेलुगू देशम पार्टी ने की मुआवजे की अपील
विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने इस घटना पर वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार की आलोचना की है. टीडीपी के राष्ट्रीय महासचिव नारा लोकेश ने अत्यधिक संवेदनशील शिपयार्ड क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को लागू करने में नाकाम होने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की है. टीडीपी के एक बयान में सरकार से मछुआरों को नई नावें और मुआवजा देने की अपील की है.

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