महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का एक बयान इन दिनों विवादों में है. उनके इस बयान पर उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने कड़ा एतराज जताया है साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल और उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ पर भी निशाना साधा है. उन्होंने शनिवार को एक ट्वीट कर कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल की टिप्पणियां दुर्भाग्यपूर्ण हैं, लेकिन उनसे ऐसे बयान की उम्मीद जरूर थी. उन्हें जगदीप धनखड़ से संदेश मिला है. जिसका मतलब है कि अगर आप विवाद, मूर्खतापूर्ण टिप्पणियां और अतिरिक्त संवैधानिक ऑथिरिटी के तौर पर काम करते हैं तो आपकों यहां इनाम जरूर मिलता है. उधर, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इस विवाद पर अपनी सफाई दी है. उन्होंने कहा कि मेरे बयान का ग़लत मतलब निकाला गया है. एक समाज की तारीफ़ का मतलब दूसरे समाज का अपमान नहीं है. महाराष्ट्र को बनाने में मराठी मानुस का योगदान सबसे ज़्यादा है. बिना वजह कुछ राजनैतिक पार्टियां विवाद खड़ा कर रही हैं. लेकिन मैंने कभी मराठी मानुस का अपमान नहीं किया.
बता दें कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा था कि मुंबई से गुजराती और राजस्थानी अगर चले जाएं तो मुंबई देश की आर्थिक राजधानी नहीं रह पाएगी. उनके इस बयान पर उद्धव ठाकरे समेत कई नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी. इस पूरे विवाद पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज मराठी मानुस का मुद्दा उठाकर उन्होंने लोगों को ग़ुस्सा दिलाया है. राज्यपाल राष्ट्रपति के दूत हैं, राष्ट्रपति की बातों को देशभर में यह पहुंचाते हैं। लेकिन अगर यही ग़लती करें तो इनपर कौन कार्रवाई करेगा. इन्होंने मराठी मानुस और मराठी अस्मिता का अपमान किया है.
वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्यपाल के इस बयान से हम सहमत नहीं हैं. बालासाहब ठाकरे की जो भूमिका मुंबई और महाराष्ट्र के लिए है, वही हमारी शिवसेना की भूमिका की है. जबकि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्यपाल के बयान का हम समर्थन नहीं करते हैं.