ज्यादातर राज्य खनन कार्यों पर आंकड़े एकत्रित करने में रहे विफल : रिपोर्ट

मध्य प्रदेश में निकासी के साथ ही उत्पादन के आंकड़े भी उपलब्ध नहीं थे, इसलिए उनके खाते सिर्फ खनिज आपूर्ति के आंकड़ों पर आधारित हैं.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ और ओडिशा को छोड़कर किसी भी राज्य ने खनन कार्यों से संबंधित आंकड़े एकत्रित करने की प्रणाली शुरू नहीं की है. इसके साथ ही एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है कि राज्य उत्पादन हानि का पता लगाने और खननकर्ताओं द्वारा किए गए खनिज उत्पादन के दावों को सत्यापित करने में विफल रहे हैं.

प्राकृतिक संसाधन लेखा रिपोर्ट में कहा गया है कि गुजरात, केरल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य प्रमुख खनिजों की निकासी के आंकड़े नहीं दे सके.

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) के तत्वावधान में सरकारी लेखा मानक सलाहकार बोर्ड द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में आगे कहा गया कि चूंकि गुजरात, केरल, मेघालय, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे प्रमुख राज्यों ने खनिज निकालने के आंकड़े नहीं दिए. इसलिए उनके खाते सिर्फ उत्पादन के आंकड़ों पर आधारित हैं.

इसके अलावा मध्य प्रदेश में निकासी के साथ ही उत्पादन के आंकड़े भी उपलब्ध नहीं थे, इसलिए उनके खाते सिर्फ खनिज आपूर्ति के आंकड़ों पर आधारित हैं. रिपोर्ट में कहा गया है, ''नतीजतन ये राज्य पट्टेदारों द्वारा दिखाए गए और दावा किए गए उत्पादन नुकसान के बारे में अनजान रहे.''

आपूर्ति किए गए खनिजों पर रॉयल्टी जमा की जाती है और इसलिए जितना अधिक उत्पादन नुकसान होता है, राजस्व रिसाव उतना ही अधिक होता है.

Featured Video Of The Day
Bengal Protest Breaking News: Bangladesh में Dipu Das की हत्या पर भारत में तेज हुआ विरोध प्रदर्शन
Topics mentioned in this article