किसान आंदोलन (Farmers Protests) ने राष्ट्रीय राजनीति के परिदृश्य में हलचल मचा दी है. पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों के किसान दिल्ली चलो के आह्वान के साथ दिल्ली की कई सीमाओं पर डटे हुए हैं, जहां उन्हें दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने नहीं आने दिया जा रहा. कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughna Sinha) ने बुधवार को NDTV से बातचीत में कहा कि किसान आंदोलन को लेकर सरकार का रवैया दुखदायी है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस किसान आंदोलन से सबक लेकर मजबूती से उभरेगी.
किसान आंदोलन पर सवाल पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा कि 'मैं किसानों का मुद्दा एक संवेदनशील कलाकार और व्यक्ति के तौर पर देखता हूं. उनके साथ जो हो रहा है, वो दुखदायी है. वो कहावत है कि 'nip the bud in the beginning' वैसा ही हो रहा है. सब जानते हैं कि यह कृषि कानून किस तरह बनाए गए हैं. जिस तरह संसद में यह कानून पास किया गया या कराया गया, अब लोगों को विश्वास नहीं रह गया है. मैं पूरे सम्मान के साथ कह रहा हूं कि सरकार और नेतागण अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं. चाहे वो कोई भी मामला हो या फिर बड़े-बड़े वायदे हों, ये आज तक कभी भी किसी भी कसौटी पर खरे नहीं उतरे हैं.' सिन्हा ने किसानों को उनकी एकजुटता और अनुशासन पर बधाई भी दी.
उनसे पूछा गया कि क्या उनका मानना है कि कांग्रेस को राहुल गांधी के आगे देखना चाहिए? इसपर उन्होंने कहा कि 'मुझे अभी भी कांग्रेस का भविष्य बहुत उज्ज्वल दिखता है. कांग्रेस के चाणक्य अहमद पटेल साहब गुजरे हैं, हम चिंता में हैं कि उनकी कमी खलेगी. हम चिंतन कर रहे हैं कि पार्टी की खामियों को दुरुस्त करें. मैं मानकर चलता हूं कि देश में तमाम गतिरोध के बावजूद विकल्प कांग्रेस ही है. कांग्रेस को अपनी समीक्षा करके किसान आंदोलन से सबक लेगी और मजबूती के साथ उभरेगी.'
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मुंबई और उत्तर प्रदेश के बीच फिल्म सिटी को लेकर हो रही बहस पर उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि फिल्म सिटी सेक्युलर है, वहां लव जिहाद का स्कोप नहीं है. उन्होंने कहा कि मुंबई में फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा पुराना इतिहास रहा है. उन्होंने कहा कि 'इस तरह की कोशिश बगैर तैयारी के जोश में नहीं होती. महाराष्ट्र और खासकर मुबई फ़िल्मों का गढ़ है, घर है. यहां से पूरे देश विदेश में धूम उठती है. यहां लोगों ने मेहनत की है, फ़ंड आया है. इसके लिए प्रदेश में कोई कोशिश कर रहा है तो अच्छी बात है, लेकिन इसे पॉलिटिकल कलर न दो तो बेहतर, क्योंकि कोई नहीं जाने वाला, मैं उद्धव ठाकरे से पूरी तरह सहमत हूं, यहां से कोई नही जाने वाला जाएगा, तो वापस आ जाएगा.'
उन्होंने कहा कि 'सबसे पहले फ़िल्म डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन जो यूपी में हुआ था पहला चेयरमैन मैं ही था. हमने फ़िल्म पॉलिसी भी बनाई थीं. बहुत सारी समस्याएं होती हैं. मेरे बाद में जया बच्चन आई थीं. उसी अनुभव पर कह रहा हूं, बहुत लोगों ने कोशिश की, कुछ हद तक कामयाब होगा, लेकिन पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री को यहां से कोई ले जाएगा तो मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.'
वहीं, सिन्हा ने बिहार चुनावों में ईवीएम और 20-25 सीटों पर खिलवाड़ किए जाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 'जिस तरीके से कई सीटों पर खेल खेला गया, वो निराशाजनक था. अगर ऐसा होगा तो लड़ने का फायदा ही क्या?' उन्होंने यह भी कहा कि जैसाकि सीट बंटवारे का मुद्दा उठा था, पार्टी उसकी समीक्षा भी कर रही है.