मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार को दिया दोपहर 12 बजे तक का अल्टीमेटम

सरकार जारांगे को मुंबई न जाने के लिए मनाने की कोशिश कर रही है.राज्य के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने संवाददाताओं से कहा कि जारांगे की मांगें मान ली गईं हैं और उन्हें सरकारी प्रक्रिया के अनुसार पूरा किया जाएगा.

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मुंबई:

मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जारांगे ने आज महाराष्ट्र सरकार को उनकी मांग स्वीकार करने के लिए शनिवार दोपहर 12 बजे तक की समय सीमा दी है. जारांगे ने यह भी कहा कि सरकार को आज रात तक एक अध्यादेश जारी करना चाहिए. साथ ही मांग पूरी न होने पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के लिए मुंबई के आज़ाद मैदान तक मार्च करने की धमकी दी है. उन्होंने कहा, ''मैं कल दोपहर 12 बजे अपना फैसला लूंगा, लेकिन अगर मैं आजाद मैदान के लिए निकलूंगा तो इसे वापस नहीं लूंगा. अगर सरकार नहीं मानी तो हम दिखा देंगे कि हम क्या कर सकते हैं."

उन्होंने कहा है कि जब तक मराठा समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण नहीं दिया जाता, प्रदर्शनकारी बीच में आंदोलन नहीं रोकेंगे. महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि मनोज जारांगे की मांगें स्वीकार कर ली गईं हैं. 

जरांगे एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद नवी मुंबई के वाशी इलाके में शिवाजी चौक पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित कर रहे थे. जारांगे ने पहले कहा था कि प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें कुछ दस्तावेज दिए हैं, जिन पर वह अपने समर्थकों के साथ चर्चा करके अपनी कार्रवाई की घोषणा करेंगे. उन्होंने कहा, ''जब तक हमें आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक आंदोलन से पीछे हटने वाला नहीं है.''

सरकार जारांगे को मुंबई न जाने के लिए मनाने की कोशिश कर रही है.राज्य के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने संवाददाताओं से कहा कि जारांगे की मांगें मान ली गईं हैं और उन्हें सरकारी प्रक्रिया के अनुसार पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा, अब तक 37 लाख कुनबी प्रमाणपत्र दिए जा चुके हैं और यह संख्या 50 लाख तक जाएगी. कुनबी का तात्पर्य अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से है.

इससे पहले, मराठा आरक्षण के नेता मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर हजारों समर्थकों के साथ नवी मुंबई पहुंचे.मुंबई पुलिस ने जारांगे को नोटिस जारी कर शहर में भूख हड़ताल करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.

मुंबई पुलिस ने सुझाव दिया कि प्रदर्शनकारी संबंधित प्राधिकारी से अनुमति लेने के बाद नवी मुंबई के खारघर में इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन पार्क ग्राउंड में इकट्ठा हो सकते हैं. पुलिस ने कहा कि अगर मोर्चा ने नोटिस का पालन नहीं किया, तो यह उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवमानना मानी जाएगी.

नोटिस में कहा गया है कि शिवाजी पार्क मैदान में इतनी बड़ी संख्या में आगंतुकों को ठहराने की क्षमता नहीं है. पुलिस ने कहा कि मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट की रिट याचिका के अनुसार, अदालत ने पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि विरोध प्रदर्शन से मुंबई में जनता को कोई परेशानी न हो.नवी मुंबई के पुलिस अधिकारियों ने भी जारांगे से मुलाकात की और उनसे अपने मार्च का मार्ग बदलने का अनुरोध किया क्योंकि मार्ग पर एक अस्पताल है.

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