"केवल ‘परिवारवाद’ नहीं, ‘दोस्तवाद’ भी खत्म होना चाहिए", मोदी सरकार पर मनीष सिसोदिया का हमला

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को कहा कि देश से भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए केवल ‘परिवारवाद’ नहीं, बल्कि ‘दोस्तवाद’ भी खत्म होना चाहिए.

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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में भाई-भतीजावाद और वंशवाद पर टिप्पणियों को पर निशाना साधते हुए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को कहा कि देश से भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए केवल ‘परिवारवाद' नहीं, बल्कि ‘दोस्तवाद' भी खत्म होना चाहिए. सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में अगले पांच साल में स्कूली शिक्षा और स्वास्थ्य प्रणाली में बदलाव लाकर देश को प्रगति के पथ पर बढ़ाने का खाका दिया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को राजनीति से ऊपर उठकर इसे लागू करना चाहिए.

उप मुख्यमंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मोदी जी परिवारवाद की बात करते हैं, लेकिन दोस्तवाद भी देश को बहुत नुकसान पहुंचा रहा है. दोस्तवाद ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है.'' उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को देश को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए मिलकर ‘भारतवाद' को आगे बढ़ाना होगा क्योंकि ना तो परिवारवाद और ना ही दोस्तवाद देश का कुछ भला कर सकता है.'' प्रधानमंत्री मोदी ने देश के 76वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण में कहा कि आज जब देश ‘‘अमृत काल'' में प्रवेश कर रहा है तो भ्रष्टाचार और परिवारवाद दो ऐसी प्रमुख चुनौतियां हैं जो राजनीति तक ही सीमित नहीं हैं.

उन्होंने देशवासियों से इन विकृतियों से ‘‘नफरत करने'' और अगले 25 सालों में ‘‘विकसित भारत'' सुनिश्चित करने के लिए ‘‘पंच प्रण'' लेने का आह्वान किया. सिसोदिया ने कहा, ‘‘वह (मोदी) भ्रष्टाचार की बात कर सकते हैं. हालांकि, भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए उन्हें ‘दोस्तवाद' से ऊपर उठना होगा.'' आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री अपने भाषण में भ्रष्टाचार और परिवारवाद की बात करते हैं, लेकिन उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने पर, सभी को आवास मुहैया कराने और बुलेट ट्रेन चलाने पर कोई बात नहीं की.

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उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा इसलिए क्योंकि इन मोर्चों पर कुछ नहीं किया जा सकता.''सिसोदिया ने कहा कि देश तभी प्रगति करेगा जब हर बच्चे को मुफ्त और अच्छी शिक्षा मिलेगी और देश की जनता को किफायती तथा अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी.उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को मुफ्त शिक्षा और निशुल्क चिकित्सा उपचार को ‘फ्रीबीज' (मुफ्त सौगात) नहीं कहना चाहिए और उनका मजाक नहीं बनाना चाहिए.''

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