दिल्ली में गरीबों को घर पर राशन पहुंचाने की योजना को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार आमने सामने आ गए हैं. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में गरीब लोगों का राशन उनके घर पर पहुंच सके जैसे पिज़्ज़ा और कपड़े डिलीवर होते हैं इसके लिए एक योजना अरविंद केजरीवाल ने बनवाई थी, लेकिन केंद्र ने इस पर रोक लगा दी थी. मंगलवार को भारत सरकार की एक और चिठ्ठी आई है, जिसमें लिखा है कि आपका गरीब लोगों को घर-घर जाकर राशन बांटने का प्रपोजल रिजेक्ट किया जाता है. हमने तो कभी प्रपोजल भेजा ही नहीं था.
सिसोदिया ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने दिल्ली सरकार को चिट्ठी लिखवाई है कि गरीबों का राशन उनके घर क्यों नहीं पहुंचाया जा सकता. इसमें कारण दिए हैं- आपने ये नहीं बताया कि इसका दाम क्या होगा, लेकिन आपने पूछा ही नहीं बिना पूछे रिजेक्ट कर दिया, जबकि हमने लिखा है कि भारत सरकार के तय किए हुए दाम से ज़्यादा नहीं होगा, जिसके घर राशन जाता है उसका पता कैसे तय करोगे, ये लोग तंग गलियों में रहते हैं, कैसे राशन पहुंचेगा. कुछ लोग मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में रहते हैं उनके घर राशन कैसे पहुंचेगा. राशन की गाड़ी खराब हो गई या ट्रैफिक में फंस गई तो कैसे राशन पहुंचेगा.
मैं पीएम से पूछना चाहता हूं कि आप इतने झगड़ालू मूड में क्यों रहते हैं.फ़ूड सेक्रेटरी ने आपको बताया होगा कि दिल्ली सरकार का कोई प्रपोजल नहीं है, जिसे आपने रिजेक्ट कर दिया.आज हमारे देश के युवा चांद पर राशन पहुंचने की औकात रखते हैं. आप कह रहे हैं कि तंग गलियों और तीसरी मंजिल पर नहीं ले जा सकते.